पेड़ सजीव होते हैं, यह अलग बात है कि उनके चीखने और चिल्लाने की आवाजें नहीं आती लेकिन उसके तने पर कील ठोंकने, होर्डिंग लटकाने के लिए तार से बन्धना आदि से उसे भी दर्द होता है। बेइंतेहा कीलों की ठोंकाई से पेड़ भी कराह उठते हैं और बोल उठते हैं कि प्लीज किले ना ठोंको हमे भी दर्द होता है। उनके दर्द को समझते हुए मनपा ने अब उनके तन से कील निकालने और तारों के बंधन से मुक्त कर इलाज करने के निर्णय लिया है। इस कार्य को मनपा अभियान चलाकर पूरा करेगी। आगामी 18 से 23 मई तक मनपा उद्यान विभाग के तमाम कर्मचारी, वार्ड स्तर के कर्मचारी और सामाजिक संगठन, स्कूल , कालेज के छात्र मिलकर इस अभियान को सफल बनाएगी।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए उद्यान विभाग के अधीक्षक जितेंद्र परदेसी ने कहा कि पेड़ों की सुरक्षा, संरक्षण और पोषण के लिए उद्यान विभाग के माध्यम से विभिन्न काम किए जाते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से जगह जगह कई पेड़ों पर राजनीतिक पोस्टर बाजी के लिए पेड़ों पर जमकर कीले ठोंके गए हैं। इससे पेड़ों को बाद में काफी नुकसान होता है। उनमे सदन होने के बाद खोखलापन होने लगता है। तो कंक्रीट के घेरे बनाने से भी उनका विकास रुक जाता है। ऐसे में उन किलों को निकाल कर और कंक्रीट के घेरे से मुक्त कर अब उन वृक्षों का इलाज कर उन्हें जीवनदान दिया जाएगा।
जितेंद्र परदेशी ने कहा कि नेशनल ग्रीन आर्बिट्रेशन की गाइडलाइंस के मुताबिक पेड़ों के आसपास जगह छोड़ना अनिवार्य है। साथ ही पेड़ों पर होर्डिंग, नेमप्लेट, बिजली के तार मिले तो उन्हें हटाना जरूरी है। इस महत्वपूर्ण काम के लिए आगामी 18 से 23 अप्रैल 2022 तक मुंबई में वृक्ष संजीवनी अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं, सामाजिक संगठन, स्कूल और कॉलेज भी शामिल होंगे। सभी साथ मिलकर सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर पेड़ों के आसपास कंक्रीट को हटाना, पेड़ों पर लगे होर्डिंग, कील, बिजली के तार, केबल आदि को हटाना शामिल होगा।