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Nirbhaya squad: निर्भया फंड से खरीदी गाड़ियां विधायको के एस्कोर्टिंग में लगाई

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मुंबई । महाविकास आघाड़ी (mahavikas aghadi ) के सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा (women security ) को मजबूत करने के लिए कई योजना लाई । इसके साथ ही पुलिस विभाग में निर्भया स्कॉड (nirbhaya squad) तैयार किया गया । इस स्कोड के लिए निर्भया फंड से गाड़िया खरीदी गई थी। लेकिन इन गाड़ियों का इस्तेमाल अब राज्य की शिंदे सरकार विधायको(MLA) के एस्कोर्टिंग(escorting) के लिए इस्तेमाल की जा रही है । इसको लेकर महिलाओं में काफी नाराजगी जताई जा रही है ।

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बतादे कि महाविकास आघाड़ी सरकार राज्य के दौरान राज्य में महिलाओ की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया ।इसके लिए निर्भया पथक का गठन करने के साथ ही कई कानून बनाए और निर्भया पथक को मजबूत करने पर जोर दिया गया था । विशेष कर रात के समय निर्भया पथक को पेट्रोलिंग के लिए मुंबई पुलिस ने निर्भया फंड के तहत 30 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करके जून 2022 में 220 बोलेरो, 35 अर्टिगा, 313 पल्सर बाइक और 200 एक्टिवा खरीदी गईं और जुलाई में ये सभी गाड़ियां पुलिस स्टेशनों में भेज दी गई ।

सत्ता परिवर्तन होते गाडियों को एस्कोर्टिंग में लगाई

महाराष्ट्र में जुलाई महीने में सत्ता परिवर्तन होते ही शिंदे गुट के 40 विधायकों और 12 सांसदों को वाई-प्लस सुरक्षा प्रदान किया गया। जिसके बाद मुंबई पुलिस के मोटर ट्रांसपोर्ट विभाग ने सभी पुलिस स्टेशनों से 47 बोलेरो गाड़ियां मंगा लीं। इन 47 बोलेरो में से 17 को तो वापस कर दिया गया, लेकिन 30 गाड़ियों को वापस किया जाना बाकी है।इन गाड़ियों का इस्तेमाल अब वाई प्लस सुरक्षा दी गई विधायको सांसदों की एस्कोर्टिंग के लिए इस्तेमाल की जा रही है । जिसके कारण अब कई थानों में पेट्रोलिंग के लिए गाड़िया नही है। इसको लेकर पुलिस स्टेशनों में छिपे तौर पर नाराजगी भी जताई जा रही है। वही वीआईपी सिक्योरिटी आईजी कृष्ण प्रकाश ने कहा है कि उन्होंने गाड़ियां नहीं मंगाई थीं, बल्कि एक आदेश जारी कर अपने अधिकार क्षेत्र में रहने वाले विधायकों की सिक्योरिटी के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था।नवघर, पंतनगर और अंधेरी एमआईडीसी पुलिस स्टेशनों को तीन महीने बाद गाड़ियां वापस मिल गईं। साकीनाका, देवनार, ट्रॉम्बे, भांडुप और मुलुंड समेत कई पुलिस स्टेशन जहां से एक-एक बोलेरो मंगाई गई थी, वे अभी तक गाड़ियां वापस नहीं ले पाए। नेहरू नगर और शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन से दो बोलेरो ली गई थीं। ये सभी संवेदनशील पुलिस स्टेशन हैं जहां कानून व्यवस्था बनाए रखने और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से लड़ने के लिए गश्त एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मोटर ट्रांसपोर्ट विभाग के मुताबिक वीआईपी सुरक्षा के लिए 30 गाड़ियां पुलिस स्टेशनों से मंगाई गई थीं। जब कुछ हफ्तों के बाद भी उन्हें गाड़ियां वापस नहीं की गईं, तो पुलिस स्टेशनों से फोन आने लगे कि उनके लिए काम करना मुश्किल हो रहा है। फिर कुछ वाहनों को पुलिस स्टेशनों में वापस कर दिया गया, लेकिन सभी गाड़ियां वापस नहीं की गई हैं।पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया है कि पुलिस स्टेशन की बोलेरो वापस लेजाने के कारण हमे आरोपियों को कोर्ट ले जाने के लिए अन्य पुलिस स्टेशनों के वाहनों या निजी वाहनों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर है।

कोट

एनसीपी के जयंत पाटिल ने निर्भया फंड से खरीदी गाड़ियों के सांसदों, विधायकों की सुरक्षा में लगाने पर आलोचना की। उन्होंने कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है। निर्भया फंड से खरीदे गए वाहनों को तुरंत पुलिस स्टेशनों को लौटाया जाए। वही आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर लिखा है कि निर्भया फंड से खरीदी गई गाड़ियों का इस्तेमाल खोखे सरकार की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जा रहे है। यह शर्म की बात है । जहा एक महिला सांसद को गलत शब्दो का इस्तेमाल किया जाता है इसके बावजूद कार्रवाई नही की जाती है ऐसे में इस सरकार से क्या उम्मीद कर सकते है ।

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