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हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं…आखिर भाषाओं को लेकर राज ठाकरे की क्या है सलाह?

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नवी मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे (Maharashtra Navnirman Sena President Raj Thackeray)ने देश में भाषाओं को लेकर अहम सलाह दी। कई भाषाएँ सीखें। लेकिन आप जहां रहते हैं वहां की मूल भाषा सीखें। जब आप आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु या बंगाल जाते हैं, तो क्या वे हिंदी बोलते हैं? तो फिर आप महाराष्ट्र में मराठी के बजाय हिंदी क्यों बोल रहे हैं? मैं हिंदी का विरोधी नहीं हूं। लेकिन महाराष्ट्र में मराठी छोड़कर हिंदी सुनने में परेशानी होती है। हिंदी सर्वोत्तम भाषा है। लेकिन हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है। हिंदी मराठी, तेलुगु और कन्नड़ भाषाओं की तरह है। जब मैंने पहले यह कहा था तो कई लोगों ने मेरी आलोचना की थी।’ फिर मैंने गुजरात हाई कोर्ट का फैसला दिखाया। इसके चलते राज ठाकरे ने स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर से मांग की है कि महाराष्ट्र में पहली से 10वीं तक के सभी स्कूलों में मराठी भाषा को अनिवार्य किया जाए।

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मराठी भाषा सबसे समृद्ध है
मराठी भाषा सर्वोत्तम है। एक समृद्ध भाषा है। लेकिन आज मराठी भाषा को ख़त्म करने की राजनीतिक कोशिश हो रही है। इससे मुझे गुस्सा आता है। अब कोई भी आगे आए, हम मराठी ही बोलें। मराठी जैसा अच्छा मजाक किसी अन्य भाषा में नहीं होता। आप जो भाषा सीखना चाहते हैं वह सीखें, लेकिन पहले वह भाषा सीखें जहाँ आप रहते हैं। कैसी कमी थी।

प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना और सफाई
राज ठाकरे एक सरकारी कार्यक्रम में बोल रहे थे। लेकिन उस वक्त उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी और सफाई भी दी थी। प्रधानमंत्री को अपनी भाषा और राज्य बहुत पसंद हैं। वे अपने राज्य के प्रति अपने प्रेम को छिपा नहीं सकते। इसका नतीजा यह हुआ कि गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बन गई। हीरे का व्यापार गुजरात चला गया। गुजरात में गिफ्ट सिटी बन रही है।

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