मुंबई। महानगर मुंबई में भायखला स्थित वीरमाता जीजाबाई बॉटनिकल गार्डन और प्राणी संग्रहालय (Veermata Jijabai Botanical Garden and Zoological Museum(रानीबाग) में जानवरों पर गर्मी का असर देखने को मिल रहा है (Heat stroke animals)। चिलचिलाती धूप और तपिश के बीच रानीबाग में जानवरों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। खासकर एकमात्र हाथी अनारकली का, दिन में उसकी इच्छा के अनुसार कई बार नहलाया जाता है। कभी कभी तो अनारकली दिन में तीन-तीन बार बगल में बने तालाब में नहाने के लिए खुद ही कूद जाती है। महावत भी उसकी इच्छा को देखते हुए बाल्टी से पानी भरकर उसको नहलाता हैं। पानी मे छपकोरियां मरते हुए हाथी का दृश्य देखने के लिए पर्यटक भी बड़ी संख्या में जमा होकर आनंद लेते हैं।
रानीबाग प्राणी संग्रहालय के निदेशक संजय त्रिपाठी ने बताया कि इस हाथी के प्रति पर्यटकों का खूब आकर्षण रहता है तो वहीं रानीबाग प्रशासन भी अनारकली के देख रेख के लिए पूरी तरह से जुटा हुआ है। रानीबाग में अब अनारकली आखिरी हाथी होगी। 58 वर्ष की हो चुकी अनारकली की लाइफ और 10 से 12 वर्ष हो सकती है। शायद इससे ज्यादा भी हो, लेकिन उसके बाद यहां फिर कोई हाथी नहीं ले जा सकेगी। क्योंकि प्राणी संग्रहालय में जानवरों को लेकर एनिमल विभाग के नई गाइडलाइन के अनुसार अब हाथी को प्राणी संग्रहालय में कैद कर नहीं रखा जा सकेगा।
अनारकली के साथ दो और हाथी थे
अनारकली को 1972-73 में मुंबई के प्राणी संग्रहालय में लाया गया था। अनारकली उस समय के तीन सबसे छोटे हाथियों में से एक थी। फिलहाल अनारकली की उम्र 58 साल है। अनारकली की सेवा करने वाले खान परिवार की चौथी पीढ़ी इस समय काम कर रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाता है कि हाथी को अच्छी तरह से खिलाया जाए और भोजन ठीक हो। क्योंकि गलत आहार के कारण भी हाथियों के पेट में दर्द होता है।
हाथी को लेकर कड़वा सच, भूख से तोड़ देती है दम
आम तौर पर एक हाथी की लाइफ 65 से 70 वर्ष होती है। इस अवधि के दौरान हाथी के चार आगे के दांत कुल छह बार टूट कर गिरते हैं। जब छठी बार दांत गिर जाता है तो ये दांत उम्र भर के लिए दोबारा नहीं उगते। ऐसे में हाथी को खाने में बड़ी दिक्कत होती है। इसलिए कई बार हाथी भुखमरी का शिकार हो जाते हैं। लेकिन जीजामाता पार्क में फिलहाल अनारकली खाने का पूरा ख्याल रखा जाता है।
अनारकली का खास खयाल
महावत साजिद खान ने बताया को हाथियों की दैनिक देखभाल में पैरों और शरीर की नियमित सफाई शामिल है। पैर में संक्रमण के कारण अक्सर हाथी गिर जाता है। इसलिए महुता इसका खास ख्याल रखना होता हैं। अनारकली को रोज पानी से साफ किया जाता है। दिन में तीन से चार बार उसे नहलाया जाता है। वह खुद पानी मे चके जाती है। और हमसे पानी के फुहारे मारने का इशारा करती है। साथ ही प्रतिदिन पेयजल की समुचित आपूर्ति का भी ध्यान रखा जाता है। हरा चारा, सूखा चारा, गाजर, गन्ना हाथी को खिलाया जाता है। साथ ही यह व्यवस्था की गई है कि हाथी को रोजाना दौड़ने के अभ्यास के साथ सुबह की धूप भी मिले। मुंबई जैसे नम वातावरण के लिए मिट्टी के खेल और हाथियों के तैरने की भी व्यवस्था की गई है।
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