मुंबई। नवी मुंबई के कोपरखैरने इलाके में अचंभित कर देने वाला मामला सामने आया है यही का रहने वाला 14 वर्षीय नाबालिग बच्चा छोटी सी बात पर नाराज होकर घर छोड़ने का मामला चर्चा में है। यह बच्चा अपने घर वालों से सिर्फ इस बात से नाराज हो गया था कि उसे पढ़ाई के लिए घर वाले बोल रहे थे। इससे नाराज होकर 25 अक्टूबर को घर से भाग कर सूरत गया वहा से वापस बांद्रा आने पर पुलिस ने पकड़ कर घर वालो को सौप दी है। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि हकीकत है|इस तरह से पिछले एक साल मे सिर्फ पनवेल मे 371 बच्चे लापता हुए। इस मे अधिकतर मामलों मे छोटी छोटी बातों से नाराज होकर भागना ही पाया गया है। ऐसे मे अब नवी मुंबई पुलिस स्कूल कॉलेज मे छात्रों का कौसलिंग करने वाली है।
जानकारी अनुसार कोपरखैरने स्केटर 19 से एक 14 वर्षीय बच्चा 25 अक्टूबर को घर से भाग गया था। उसके बाद रबाले पुलिस स्टेशन से एक बच्चा 1 दिसंबर को भाग गया था। इन दोनों मामलों मे घर वालों ने लगातार पुलिस के माध्यम से बच्चों की तलाश कर रही थी। इस बीच कोपरखैरने से गायब बच्चा कोपरखैरने स्टेशन पर सीसीटीवी फुटेज मे दिखाई दिया था। लेकिन उसके बाद आगे कही नहीं दिखाई दिया। लेकिन घर वाले काफी तलाश किए। इस बीच बच्चे के पड़ोस मे रहने वाली एक महिला शुक्रवार सुबह सूरत से बांद्रा पहुची तभी उसकी नजर सीढ़ी पर बैठे इस बच्चे पर पड़ी। उसे तुरंत पकड़ कर पुलिस को दिया ओर घर वालो को सूचित किया। घर वाले बांद्रा स्टेशन पहुचते ही उसे पहचान लिए।
बांद्रा से सूरत करता रहा ट्रैवल
इस दौरान बच्चे ने पुलिस ओर घर वालों को लिखित मे बयान देते हुए बताया कि वह 25 अक्टूबर को घर से भाग कर बांद्रा आया था वहा से सूरत गया। सूरत मे चार दिनों तक कैटरिंग मे काम कर दो हजार कमाए। दो हजार रुपए लेकर वापस मस्जिद बंदर आया ओर नया कपड़ा खरीदा। इसके बाद वापस बांद्रा स्टेशन पहुचा।
बांद्रा स्टेशन को बनाया ठिकाना
बच्चा बांद्रा स्टेशन पर अपना ठिकाना बनाया। बांद्रा स्टेशन पर रहकर भाऊचा धक्का मे जाकर गाड़ियों को धक्का देने का काम किया जहा उसे दो सौ रुपए कमाए। वहा से वापस अगले दिन बांद्रा स्टेशन पर कुली के तौर पर काम कर कुछ यात्रियों के सामान प्लेटफार्म पर पहुचाने का काम किया। इस दौरान उसे मिले पैसे सो अपना खर्च चलता रहा। सूत्रों की माने तो घर से भागने के कारणों का पूछे जाने पर बताया कि वह पढ़ाई नहीं करना चाहता था। लेकिन घर वाले पढ़ाई के लिए दबाव बना रहे थे। इसी के कारण घर छोड़कर भाग गया। लगभग डेढ़ महीने पर मिले बच्चे को देख माता पिता काफी खुश है।
भावनाओं पर काबू नहीं कर पाते हैं बच्चे
बड़ो की अपेक्षा बच्चों में भावनात्मक तत्व अधिक मजबूत होता है छोटी- छोटी बातों को लेकर गुस्सा होना ओर नाराज होना उनके स्वभाव का हिस्सा बन जाता है इसकी सबसे बड़ी वजह है कि बच्चे अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते हैं इसलिए या तो वे गुस्सा करके कई बार इस तरह के कदम उठा लेते है। ऐसे मे अब नवी मुंबई पुलिस के तरफ से स्कूल ओर कॉलेज मे छात्रों का काउंसलिंग शिबीर लगाने वाले है। वही नवी मुंबई पुलिस आयुक्त मिलिंद भाराम्बे ने बताया कि अभिभावक टेंशन मे कभी नहीं आए। बच्चों को सिर्फ समझने की कोशिस करे। पिछले सप्ताह भर से गायब सभी बच्चों को ढूंढ निकाल गया है। इन सभी मामलों मे अधिकतर बच्चे परिवार से नाराज होकर निकले हुए नजर आए है।