मुंबई।आईआईटी मुंबई ने टाटा मेमोरियल अस्पताल के साथ मिलकर अपनी तरह की पहली स्वदेशी सीएआर-टी सेल उपचार थेरेपी को विकसित की है। यह थेरेपी अपना कमाल दिखाते हुए हिन्दुस्थान में ब्लड कैंसर को हराने में अहम किरदार निभाएगा। बताया गया है कि लिम्फोमा नामक एक रक्त कैंसर के उपचार में यह थेरेपी महत्वपूर्ण साबित होगी। इसे लेकर हुए पहले चरण के परीक्षण के आकड़ों और नतीजों को सर्वजनिम किया गया है। यह भी बताया गया है कि परीक्षण के तहत इलाज में शामिल किए गए सभी मरीज पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
उल्लेखनीय है कि आईआईटी मुंबई और टाटा मेमोरियल अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में परीक्षण का पहला चरण पूरा हुआ है। इस परीक्षण के लिए इस्तेमाल किए गए एचसीएआर19 उपकरण का निर्माण आईआईटी मुंबई ने की है, जिसका इस्तेमाल पहले चरण के परीक्षण में किया गया है। अस्पताल की तरफ से बताया गया कि पिछले साल इस ट्रायल के लिए दस मरीजों का चयन किया गया था। चयनित मरीजों में से सभी वयस्क ऐसे छह मरीजों का इलाज एचसीएआर19 उपकरण का उपयोग करके किया गया। इस टेस्ट में बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इलाज के दौरान किसी मरीज को आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ी। इतना ही नहीं इस दौरान एक भी मरीज की मौत नहीं हुई। लिंफोमा के लिए नैदानिक परीक्षण बहुत सकारात्मक रहे हैं।
नहीं हुआ किसी मरीज पर इलाज का प्रतिकूल प्रभाव
इस परीक्षण में किसी भी मरीज पर इलाज का प्रतिकूल प्रभाव नहीं हुआ। 40 प्रतिशत मरीजों में साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम पाया गया है। दस में से तीन मरीजों ने सीएआर-टी सेल थेरेपी के प्रति अच्छा प्रतिसाद दिया हैं।