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‘द कश्मीर फाइल्स’ पर शरद पवार की खरी-खरी: NCP चीफ ने कहा-फिल्म का इस्तेमाल कांग्रेस को बदनाम करने के लिए किया जा रहा, उस समय VP सिंह की सरकार थी

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पुणे3 घंटे पहले

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फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर राजनीति जारी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार ने कहा कि इस फिल्म का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी को दोष देने के लिए किया जा रहा है और यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि उस समय जो कुछ भी हुआ था, तब कांग्रेस देश पर शासन कर रही थी। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम तब के इतिहास को देखें तो जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ तब केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह देश का नेतृत्व कर रहे थे। BJP के कुछ लोग जो अब इस मुद्दे पर शोर मचा रहे हैं उस समय वीपी सिंह के समर्थन में थे।

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11 मार्च को रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ सफलता का नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। इसी पर पूछे सवाल के जवाब में NCP चीफ शरद पवार ने पुणे के बारामती में दावा किया कि वी.पी. सिंह की सरकार को बीजेपी के कुछ सदस्यों का समर्थन हासिल था। बीजेपी की ही मदद से मुफ्ती मोहम्मद सईद केंद्रीय गृह मंत्री बने थे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के तात्कालीन राज्यपाल जगमोहन का कांग्रेस से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था।

समाज को बांटने वाले लेखन या फिल्म से बचना चाहिएविवेक अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित ‘द कश्मीर फाइल्स’ में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा हिंदू समुदाय के लोगों की सुनियोजित हत्याओं के बाद जम्मू-कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं यानी पंडितों के पलायन को दिखाया गया है। इस पर NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि समाज को बांटने वाले लेखन या फिल्म से बचना चाहिए।

AIMIM के प्रस्ताव को किया पवार ने खारिजएआईएमआईएम (AIMIM) सांसद इम्तियाज जलील ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को गठबंधन का प्रस्ताव दिया था। इस पवार ने कहा, ‘वे बता सकते हैं कि किस पार्टी के साथ जाना है। लेकिन जिस पार्टी में वे शामिल होना चाहते हैं, उसके लिए उन्हें हां कहनी होगी। यह एक राजनीतिक फैसला है। हालांकि, यह राजनीतिक निर्णय महाराष्ट्र के लिए प्रस्तावित किया गया है, लेकिन NCP के रूप में राज्य को ऐसा निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है।’

‘मेरे लिए यह मुद्दा खत्म हो गया है’उन्होंने कहा कि राज्य इस संबंध में तब तक निर्णय नहीं ले पाएगा जब तक कि राष्ट्रीय समिति इस संबंध में निर्णय नहीं ले लेती। इसलिए हमारे नजरिये से यह मुद्दा खत्म हो गया है। रही बात प्रस्ताव की तो यह निर्णय किसी भी राज्य में तब तक नहीं लिया जा सकता जब तक कि राष्ट्रीय समिति स्पष्ट नहीं करती कि राज्य इस संबंध में निर्णय ले सकता है। महाराष्ट्र में पिछले दो दिन से चर्चा चल रही है लेकिन मेरे लिए यह मुद्दा खत्म हो गया है। ऐसा कहकर शरद पवार ने इस चर्चा पर से पर्दा डाल दिया है।

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