हाई कोर्ट ने मिधे के लापरवाह प्रशासन पर हाई कोर्ट की फटकार
मुंबई ।अग्नि सुरक्षा पर चुप रहने वाली मिधे सरकार को बुधवार को हाई कोर्ट ने फटकार लगाई, मुंबई में लगातार आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, लोगों की जान जा रही है,ऐसे घटनाओं सत्र शुरू है तो सरकार क्या कर रही है? क्या हम तभी कार्य करेंगे जब कहा जाएगा? क्या हम यहां सरकार को सब कुछ बताने के लिए बैठे हैं? कोर्ट ने इतना सख्त गुस्सा जाहिर करते हुए ‘मिधे’ सरकार की आलोचना की।
संवेदनशील इमारतों के अग्नि सुरक्षा के लिए 2009 के मसूदा नियम लागू करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एड. आभा सिंह ने जनहित याचिका के माध्यम से किया है ’26/11′ के आतंकवादी हमलों के बाद संबंधित नियमावली जारी किए गए थे। उस नियमावली पर ध्यान दिलाने के लिए एड. सिंह की याचिका पर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। इस समय एड. सिंह ने स्वयं तर्क दिया कि मिंधे सरकार अकर्मण्यता की स्थिति में थी। दक्षिण मुंबई के गिरगांव में एक चार मंजिला इमारत में आग लगने से 82 वर्षीय महिला और उसके 60 वर्षीय बेटे की मौत हो गई। अग्नि सुरक्षा उपायों की कमी के कारण दुर्भाग्य से मृत्यु हो गई। इस घटना का उदाहरण देते हुए याचिकाकर्ता एड सिंह ने शहर में बार-बार होने वाली आग की घटनाओं और आम लोगों की जान जाने वाली ऐसी दुर्घटनाओं में सरकार की विफलता का मुद्दा उठाया। पीठ ने इसे गंभीरता से लेते हुए कड़े शब्दों में मिंढे सरकार की अक्षमता का संज्ञान लिया।
विशेषज्ञ की रिपोर्ट दस महीने से खा रही धूल
सुरक्षा नियमों की समीक्षा के लिए पिछले साल एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की गई थी। इस वर्ष फरवरी में उस समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट वर्तमान में शहरी विकास विभाग द्वारा विचाराधीन है। सरकार की ओर से बताया गया कि विभाग की मंजूरी के बाद विकास नियंत्रण नियमावली, 2034 में संशोधन के लिए कदम उठाये जायेंगे।अब हम दिसंबर में हैं। आख़िर सरकार क्या कर रही है? मुख्य न्यायाधीश ने कहा, हम अब सरकार की ओर से किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
48 घंटे का अल्टीमेटम
अग्नि सुरक्षा नियमों के संबंध में विशेषज्ञ रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शहरी विकास विभाग ने पिछले दस महीनों में निर्णय नहीं लिया ।इतने गंभीर मुद्दे पर भी सरकार इतनी लापरवाह है अदालत उसे और अग्नि सुरक्षा नियमों को देखकर नाराज हो गई ।न्यायालय ने इसपर क्या उपाय योजना करने वाली है इसके लिए अगले 48 घंटे के अंदर कोर्ट को जानकारी देने का अल्टीमेटम नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को दिया है।