Joindia
कल्याणठाणेदेश-दुनियामुंबईहेल्थ शिक्षा

अस्पताल मे तड़पते रहे जच्चा बच्चा ,डॉक्टर कर रहे थे मौज, पिता की वेदना एफआईआर मे  दर्ज, अस्पताल के डीन और एक डॉक्टर को बनाए आरोपी 

Advertisement
Advertisement

मुंबई। नांदेड़ जिले के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डिलीवरी के बाद जचा बचा तड़पते रहे लेकिन अस्पताल के डीन  ओर डॉक्टर मौज करते रहे।इस खुलासा मृत बेटी के पिता ने अपनी वेदना नांदेड ग्रामीण पुलिस के सामने व्यक्त की है। जिसके आधार पर नांदेड पुलिस ने  31 मरीजों की मौत के मामले में अस्पताल के डीन और अस्पताल के एक अन्य डॉक्टर पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज  कर लिया है। इस के साथ ही खुलासा हुआ है  कि आईसीयू मे 24 मरीजों की क्षमता के मुकाबले 65 मरीज भर्ती किए गए थे।

नांदेड ग्रामीण पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराने वाले कामाजी मोहन टोमपे अपने बयान मे बताया है कि अपनी  21 वर्षीय बेटी अंजलि को 30 सितंबर की रात करीब 8 बजे अस्पताल मे भर्ती कराया गया।  उसने 1 अक्टूबर को लगभग 1 बजे एक बच्ची को जन्म दिया ।डॉक्टरों ने बाद में कहा कि मां और बच्चा ठीक हैं। हालांकि अंजलि को सुबह ब्लीडिंग होने लगी और बच्चा भी ठीक नहीं था।  डॉक्टरों ने फिर बाहर से  दवाइयां, ब्लड बैग और अन्य जरूरी सामान लाने के लिए कहा गया।

 

जानबूझकर नहीं किया इलाज
कामाजी टोम्पे ने पुलिस को दिए बयान मे बताया है कि  जब वे सामान लेकर आए तो डॉक्टर वार्ड में नहीं थे। उसके बाद  डीन वाकोड़े के पास जाकर इसकी जानकारी दिए लेकिन  उन्हें जानबूझकर बिठाकर रखा और अंजलि की जांच के लिए डॉक्टर या स्टाफ नर्स नहीं भेजा। इसके बाद डॉक्टरों ने अंजलि की बेटी को मृत घोषित कर दिया और 2 अक्टूबर की सुबह 6 बजे उसका शव सौंप दिया ।इसके बाद 4 अक्टूबर की सुबह 10.30 बजे अंजलि को मृत घोषित कर दिया गया।  टोम्पे का आरोप है कि जानबूझकर अंजलि का इलाज नहीं करने दिया गया।जिसके कारण उनकी बेटी अंजली की मौत हो गई।इस मामले मे बुधवार रात को कामाजी टोम्पे के बयान पर नांदेड ग्रामीण पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है।

आईसीयू में 24 की क्षमता के मुकाबले 65 मरीज
पीटीआई की एक खबर के अनुसार, महाराष्ट्र में नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में जब 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच 11 शिशुओं की मौत हुई, उस समय नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में 24 बिस्तर की स्वीकृत क्षमता के मुकाबले कुल 65 मरीजों का इलाज किया जा रहा था. एक वरिष्ठ डॉक्टर ने मंगलवार को यह जानकारी दी. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच 24 घंटे में नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 12 शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत हो गई।

Advertisement

Related posts

RAILWAY: ट्रेन का इमरजेंसी ब्रेक कैसे दबाते हैं? लोको पायलटों के प्रशिक्षण के लिए सीएसएमटी में विशेष

Deepak dubey

INTERVIEW: लेखक नमन राजेंद्र ने खोले कई राज, जानिए ब्लॉकबस्टर ऑडियो सीरीज़ ‘इंस्टा एम्पायर’ के लेखक की कहानी!

Deepak dubey

50,000 Indians join SME Tide with V-KYC enabled digital experience: वी-केवाईसी सक्षम डिजिटल अनुभव के साथ एसएमई टाइड से जुड़े 50 हजार भारतीय, दिसंबर 2024 तक 10 लाख एसएमई को शामिल करने का लक्ष्य

Deepak dubey

Leave a Comment