मुंबई। हिन्दुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे की बनाई शिवसेना को आखिरकार चुनाव आयोग के एक फैसले के जरिये गद्दार शिंदे की शिवसेना बना दी गई। लेकिन आम शिवसैनिक को यह फैसला बिल्कुल पसंद नहीं आया।अलग अलग तरीके से शिवसैनिकों की भावना प्रकट हो रही हैं। ऐसे ही एक सच्चे शिवसैनिक ने shinde सरकार के करतूतों को लेकर एक पत्र लिखकर (letter to maharashtra cm) धन्यवाद कहा है। ‘थैंक्यू मिस्टर शिंदे’ (thank you Mr. Shinde) नाम से यह पत्र में शिवसैनिको की भावना निकल कर आई है।
उस फैसले से नाराज शिवसैनिकों को भावना सोशल मीडिया पर साफ झलक रही है। कट्टर शिवसैनिकों द्वारा मुख्यमंत्री शिंदे और उनके सहयोगियों की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। यह पत्र खूब वायरल कर रहा हैं। पत्र लिखने वाला यह शिवसैनिक कौन है, पता नहीं बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना के प्रति कितना वफादार हैं, लेकिन सामान्य शिवसैनिक भी इस पत्र को अपने पत्र के रूप में वायरल कर रहे हैं। पाठकों के लिए पत्र को हूबहु प्रस्तुत किया है।
“थैंक यू मिस्टर शिंदे…”
“कई अन्य लोगों की तरह, मैं भी नौकरी के सिलसिले में अपने गांव से मुंबई आया था। उस समय गांव में शिवसेना का लगभग कोई नहीं था। मुंबई आने के बाद शिवसेना के बारे में पता चला। नौकरी ज्वाइन करने के बाद शिवसेना लोकाधिकार समिति के लिए काम करते हुए संघर्ष भी किया। बालासाहेब के भाषण को सुना, तब महसूस हु कि उनके ज्वलंत भाषण का शरीर में संचरित होने का क्या मतलब होता है। कई गांवों में शिवसैनिक लोकाधिकार समिति के निरीक्षक के रूप में काम करते हुए कई लोगों से परिचय हुआ। बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के एक सरल, निष्ठावान शिवसैनिक के रूप में जो संपत्ति मिली है उससे कोई भी ईर्ष्या करेगा।
“लेकिन यह क्या है मिस्टर शिंदे,
जब आप जैसे लोग शिवसैनिकों की मेहनत और बालासाहेब के आशीर्वाद से चुने गए, तो उन्हें सब तरफ से सब कुछ मिला। और तुम्हे लत लग गई, तुम्हे लगने लगा कि तुम कहीं से भी चुनाव जीत सकते हो। लेकिन शिवसैनिक वही है। अब तुमने जो किया है वह सिर्फ और सिर्फ विश्वासघात है। आप पहले नहीं हो, और आप आखिरी भी नहीं होगे। लेकिन जो आपने गद्दारी की है वो किसी ने नहीं किया है। आपने हमारे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाया है। हमारी शिवसेना को दिल्ली से ठगों की मदद से चुराया है।
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मिस्टर शिंदे एक बात याद रखें,
जिन्हें शिवसेना, मातोश्री, और ठाकरे आज रोड़ा लग रहे हैं, जो लोग 1960 में महाराष्ट्र राज्य के गठन के समय मुंबई को महाराष्ट्र से अलग रखने की सोच रखते थे, आज वहीं लोग आपके सहारे शिवसेना पर कब्जा कर रहे हैं। तुम्हे नाम मिला, चिन्ह भी मिला। लेकिन यहां मातोश्री के प्रति हमारी निष्ठा और विश्वास है। तुम्हे न मिला है और न कभी मिलेगा, क्योंकि हर सच्चा शिवसैनिक मानता है कि आज भी हमारे देवता उस मातोश्री में विराजमान हैं।
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गद्दारी के लिए धन्यवाद,मिस्टर शिंदे,
सवाल यह था कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद क्या करना है?” आपने वह प्रश्न हल कर दिया। मेरा जीवन काल कम से कम पंद्रह साल और बढ़ गया है। अब मैं जल्दी मरना नहीं चाहता और मैं नहीं मरूंगा। अगर हम गद्दारों को दफनाए बिना ऊपर जाएंगे तो बालासाहेब हमें धक्का मारकर गिरा देंगे। उन्होंने कहा था कि उद्धव और आदित्य का ध्यान रखना लेकिन आप तो गद्दारी कर ऊपर आ गए। बालासाहेब आपको माफ नहीं करेंगे। सब कुछ सहन किया जा सकता है, लेकिन आप बालासाहेब की नाराजगी कैसे सह सकते हैं? तो… “अब हमें फिट रहना है और आराम नहीं करना है जब तक आप सहित सभी गद्दारों का राजनीतिक करियर खत्म नहीं कर दिया जाता है। एक बार फिर धन्यवाद मिस्टर शिंदे, चुनावी अखाड़े में मिलेंगे। आप हमसे अकेले लड़ने की हिम्मत नहीं करते। दिल्ली से सेना बुलाओ। वही आपकी असली ताकत है। धन्यवाद…मैं आपको जय महाराष्ट्र नहीं बोलूंगा। आपने वह सम्मान खो दिया है।….एक कट्टर और वफादार शिवसैनिक।