मुंबई । मुंबई के मोटर वाहन विभाग में तैनात आठ महिला कांस्टेबल(lady constable)के साथ एक डीसीपी(DCP)और दो पुलिस निरीक्षकों ( police inspectors)द्वारा किए जाने का आरोप लगा हैं। इससे संबंधित एक लेटर वायरल होंने से सनसनी मची हुई है। इस वायरल पत्र के माध्यम से इन महिला कांस्टेबल ने सीबीआई , क्राइम ब्रांच और साइबर सेल के माध्यम से जांच कराकर कार्रवाई की मांग मुख्यमंत्री और मुंबई पुलिस आयुक्त से की है।यह वायरल पत्र से मुंबई पुलिस के इस ‘सेक्स स्कैंडल’ का चर्चा शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, मुंबई पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम डाक के माध्यम से यह पत्र भेजा गया है। इस पत्र की एक कॉपी शुक्रवार से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और इस पत्र से पूरी पुलिस बल हिल गई है। इससे पत्र की गंभीरता बढ़ गई है
… अन्यथा आत्महत्या करने की चेतावनी
इस मामले की सीबीआई, क्राइम ब्रांच और साइबर सेल के माध्यम से जांच करने की मांग इस पत्र में की गई है। पीड़ितों ने चेतावनी दी है कि इन तीनों अधिकारियों के मोबाइल जब्त कर जांच की जाए, इन तीनों को पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जाए और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, नहीं तो हम सब एक साथ आत्महत्या कर लेंगे, जिसके जिम्मेदार ये तीनों अधिकारी होने की चेतावनी दी हैं।
पुलिस विभाग में कई तरह की चर्चाएं
वायरल पत्र को लेकर मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बयान देने से मना किया। जिनके नाम से पत्र है उन्होंने यह लिखा नही जाने का दावा भी किया जा रहा हैं ।बदली और प्रमोशन को लेकर यह आरोप किए जाने का भी दावा किया जा रहा है। पुलिस विभाग में अभी तक आधिकारिक रूप से किसी ने बयान नही दिया है।
वास्तव में आरोप क्या है?
आठों पीड़ित महिला पुलिस कांस्टेबल नागपाड़ा मोटर ट्रांसपोर्ट विभाग में ड्राइवर के पद पर कार्यरत हैं। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि दो पुलिस निरीक्षक और एक उपायुक्त उन्हें सरकारी गाड़ी से कमरे में ले गए और उनके साथ बार-बार बलात्कार किया। पत्र में आरोप लगाया गया है कि इन तीनों के साथ-साथ एक राइटर, उपायुक्त के ऑपरेटर, ड्राइवर, अर्दली ने भी उपायुक्त के साथ उस कमरे में बलात्कार किया जहां वे आराम करते हैं।गर्भवती होने पर जबरन गर्भपात कराया। उपायुक्त के आदेश पर सात-सात हजार की राशि भी दी गयी और कहीं भी नहीं कहने की धमकी दी गयी।दोनों निरीक्षक हमें हफ्ते में तीन दिन जबरन घर ले जाते हैं। अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देकर हमें लगातार ब्लैकमेल किया जा रहा है।हम सभी आठ लोग किसान परिवार से हैं। पुलिस विभाग में नौकरी पाना सुरक्षित महसूस होता था, लेकिन वरिष्ठों ने हमें बर्बाद कर दिया। हमें यह भी लालच दिया गया कि यदि आप हमें वह देंगे जो हम चाहते हैं तो आपको ड्यूटी पर कोई काम नहीं दिया जाएगा।
आवाज उठाते ही ट्रांसफर
हमें लगातार ट्रांसफर की धमकी दी गई।यौन शोषण के बाद ब्लैकमेल कर हमसे 1000 रुपये प्रति माह की रिश्वत ली जाती थी।जब हम इन सबके खिलाफ एकजुट हुए और संबंधित पुलिस उपायुक्त तक अपनी आवाज उठाई तो हमारा ट्रांसफर कर दिया गया। उपायुक्त ने गृह विभाग और पुलिस आयुक्त को 20 लाख रुपये की रिश्वत देकर यहां पोस्टिंग हासिल की है। उनके अर्दली ने हमसे कहा कि आप उनके साथ कुछ गलत नहीं कर सकते।पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि हमें वहां से निकाल दिया गया।