मुंबई। सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, पर्याप्त पारिश्रमिक की घोषणा करने, सामाजिक सुरक्षा दिलाने समेत अन्य मांगों को लेकर रायगड जिले की आंगनबाड़ी सेविकाएं सोमवार से हड़ताल पर चली गई है यह लड़ाई महाराष्ट्र राज्य आंगनवाड़ी वर्कर्स एक्शन कमेटी की ओर से शुरू की गई है। उनकी हड़ताल के कारण 3 हजार 98 आंगनबाड़ियों में ताला लग गया है बच्चों की किलकारी से गुलजार आंगनबाड़ियों में चुप्पी छाई हुई है।
एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के तहत काम करने वाली आंगनवाड़ी सेविकाएं पिछले कई वर्षों से 5 से लेकर 10 हजार रुपये तक के मामूली वेतन पर कार्यरत हैं।आंगनवाड़ी सेविकाएं कई काम करती हैं जैसे टीकाकरण अभियान, गर्भवती माताओं, स्तनपान कराने वाली माताओं का टीकाकरण, पोषण, गृह भ्रमण, 6 माह से 3 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पोषण, 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पूरक पोषण के साथ पूर्व-प्राथमिक शिक्षा, उनके शारीरिक विकास के लिए हंसी-खेल के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना , मानसिक और शारीरिक विकास , ई-आकार प्रशिक्षण, किशोर लड़कियों को सलाह देना| ऑनलाइन जानकारी भरना, रजिस्टर भरना, जन जागरूकता कार्यक्रम चलाना, समय-समय पर सरकार द्वारा प्रकाशित परिपत्र के अनुसार विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देना, सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना, भाग्यश्री योजना का लाभ दिलाना। किशोरियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए धनराशि, आपातकालीन स्थितियों में प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही हैं और उनके साथ मददगारों ने भी योगदान दिया है। रायगढ़ जिले में तीन हजार 554 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका कार्यरत हैं। ये आंगनबाड़ियां सोमवार से हड़ताल के कारण बंद हैं। आशंका है कि इसका असर बच्चों की पढ़ाई और महिलाओं पर पड़ेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सदैव सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाकर जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करती रही हैं। बच्चों के विकास में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है। लेकिन उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है यह बहुत बड़ी त्रासदी है रायगढ़ विधायक के महिला एवं बाल विकास मंत्री बनने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उचित न्याय मिलने की उम्मीद थी। इस बात पर अफसोस जताते हुए तालुका अध्यक्ष जिविता पाटिल ने कहा कि सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बेहद निराश हैं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, जो बच्चों के विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जो अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है, यह चिंताजनक विषय है। रायगड जिला परिषद के महिला बाल कल्याण विभाग के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी निर्मल कुचिक ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मामला आयुक्तालय स्तर का है सोमवार से कर्मचारी हड़ताल पर चले गये हैं आयुक्त स्तर पर इसकी चर्चा शुरू है।