कतर ने विवादास्पद भारतीय इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को फीफा विश्व कप 2022 में धार्मिक प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया है, जो भारत में प्रतिबंधित है। भारत में धन शोधन और हेट स्पीच के आरोपों का सामना करने वाला नाइक 2017 से मलेशिया में निर्वासन में रह रहा है। भारत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है। कतर सरकार के स्वामित्व वाले स्पोर्ट्स चैनल अलकास के प्रस्तुतकर्ता फैसल अल्हाजरी ने ट्वीट किया, ‘उपदेशक शेख जाकिर नाइक विश्व कप के दौरान कतर में मौजूद हैं और पूरे टूर्नामेंट के दौरान कई धार्मिक व्याख्यान देंगे।
भारत ने 2016 के अंत में जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को उसके अनुयायियों द्वारा ‘विभिन्न धार्मिक समुदायों और समूहों के बीच दुश्मनी, घृणा, या दुर्भावना की भावनाओं को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने का प्रयास करने’ के लिए प्रोत्साहित करने और मदद पहुंचाने के आरोप में गैरकानूनी घोषित कर दिया था। नाइक, जिसने 1990 के दशक के दौरान IRF के माध्यम से दावा (इस्लाम को अपनाने के लिए लोगों को आमंत्रित करने या बुलाने का एक कार्य) की अपनी गतिविधियों के लिए प्रसिद्धि हासिल की, वह ‘तुलनात्मक धर्म’ पीस टीवी का संस्थापक भी है।
भले ही उसका मलेशिया में स्थायी निवास है, लेकिन इस देश ने भी 2020 में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के हितों को ध्यान में रखते हुए नाइक के ‘धार्मिक उपदेश’ देने पर प्रतिबंध लगा दिया। दरअसल, फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन पहली बार मुस्लिम देश में हो रहा है। एक्सपर्ट इसे इस्लामिक प्रचार के टूल्स के रूप में देख रहे हैं। कतर ने ही विवादित भारतीय चित्रकार एमएफ हुसैन को शरण दी थी। नूपुर शर्मा विवाद में भी कतर विरोध जताने वाले देशों का स्वयंभू नेतृत्व कर रहा था।