Joindia
क्राइमदेश-दुनिया

husband killed wife: बीवी की लाश पर लगाया बिस्तर, दो साल तक छुपा रहा राज़, कंकाल ने खोला राज़ 

Advertisement

जालौन। जालौन जिला न्यायालय ने प्रमोद कुमार अहिरवार को अपनी पत्नी की हत्या (husband killed wife) करने की सजा सुना दी है। प्रमोद को दोषी ठहराते हुए अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है।  कोर्ट ने आरोपी पर 1 लाख 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। आरोपी को 2019 में पीड़िता की मां की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। दरअसल हत्या का ये मामला साल 2019 का है। जालौन की उरई कोतवाली क्षेत्र के सरसौखी की रहने वाली उर्मिला ने दिसंबर 2019 में जालौन के जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया था।

उर्मिला ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी बेटी विनीता की शादी उरई कोतवली के नया राम नगर अजनारी रेलवे क्रासिंग के पास रहने वाले प्रमोद कुमार अहिरवार के साथ साल 2011 में हुई थी।  दोनों के तीन बच्चे हैं। शिकायत में कहा गया कि आरोपी प्रमोद अहिरवार उसकी बेटी विनीता के साथ अक्सर मारपीट किया करता था। हैरानी की बात ये है कि साल 2018 से परिजनों का अपनी बेटी विनीता से कोई संपर्क नही हो पाया था। परिजनों ने प्रमोद से पूछा तो प्रमोद ने बहाना बना दिया कि विनीता दिल्ली में किसी के साथ रह रही है।

दो साल बाद मिला पत्नी का कंकाल
विनीता की मां ने शक जाहिर किया कि उनकी बेटी के साथ कोई हादसा या साजिश हुई है। इस शिकायत पर जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट के साथ उरई कोतवाली पुलिस और सीओ को प्रमोद के घर जांच के लिए भेजा। जांच के दौरान पुलिस अफसरों ने प्रमोद को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की। पुलिस की पूछताछ में प्रमोद ने अपनी पत्नी विनीता की हत्या की बात कबूल ली। प्रमोद ने पुलिस के सामने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया जिसे सुन कर पुलिस अफसरों के पैरो तले जमीन खिसक गई।प्रमोद ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पत्नी की हत्या कर शव को घर के अंदर वाले कमरे में दफन कर दिया था। लाश को दफनाने के बाद पक्का फर्श बना दिया था ये खुलासा होते ही पुलिस की टीम सिटी मजिस्ट्रेट के साथ उस कमरे की खुदाई करने पहुंची।  कमरे की खुदाई में पुलिस को एक महिला का नर कंकाल मिला। शव पर मिले कपड़ो से विनीता की मां ने पहचान लिया कि लाश विनीता की ही है।
शव पर मिले कपड़ो से विनीता की पहचान हुई
पुलिस ने कंकाल बरामद कर 4 जनवरी 2020 को प्रमोद के खिलाफ हत्या की धारा में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसमे 3 साल बाद जिला जज ने फैसला सुनाते हुए प्रमोद को आजीवन कारावास व 1लाख 25 हज़ार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।  मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता लखनलाल निरंजन ने बताया कि उक्त मामला में पुलिस द्वारा 2 मार्च 2020 को आरोप पत्र दाखिल किए गए थे। इसके साथ ही सात गवाह अभियोजन पक्ष की ओर से दाखिल किए गए जिसके बाद 3 साल तक चली सुनवाई के बाद प्रमोद कुमार को हत्या की धारा 302 आईपीसी के तहत जिला और सत्र न्यायाधीश लल्लू सिंह ने दोषी माना और अजीवन कारावास की सज़ा सुनाई।

Advertisement

Related posts

BOARD EXAM: महाराष्ट्र बोर्ड हुई सख्त, परीक्षा में दिखेगा नया ‘तेवर’, लागू होंगे नए नियम, कोविड में कई तरह की दी गई थी सहूलियतें

Deepak dubey

MUMBAI: बिजली कंपनियों के खिलाफ संगठनों का एल्गार, शुरू होगी याचिका दायर करने की मुहिम, 27 से 37% बिजली दर बढ़ाने का दावा

Deepak dubey

Maharashtra band update : फिलहाल राज्य में ‘बंद’ नहीं! लेकिन होगा आंदोलन, हाईकोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष ने बदला फैसला, उद्धव ठाकरे शिवसेना भवन के बाहर आंदोलन पर बैठेंगे

Deepak dubey

Leave a Comment