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मुंबई में कल शिवसेना और शिंदे गुट का दो दशहरा सम्मेलन हुआ।शिवाजी पार्क में शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे और बीकेसी मैदान पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की परस्पर विरोधी रैली की। इसके कारण दोनों नेताओं में संघर्ष और अधिक बढ़ने वाला है। शिंदे गुट होने के कारण शिवसेना के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह उपस्थित किया जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में उद्धव ठाकरे की भविष्य में राजनीतिक दिशा कैसी होगी, इस संदर्भ में तर्क-वितर्क लगाया जा रहा है, इस संदर्भ में वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने अपनी भूमिका स्पष्ट की है। इसके साथ ही उन्होंने उद्धव ठाकरे को एक सलाह भी दी है कि शिंदे को स्पेस नहीं मिलने देना है तो आगामी सभी चुनाव उनको लड़ना होगा, उन्हें समझौता की राजनीति में शामिल हुए बिना ऐसा करना होगा, ऐसा अम्बेडकर ने कहा। कांग्रेस ने अब तक एक आरपीआई को दस आरपीआई कर दिया है, उसी तरीके से भाजपा को एक शिवसेना को दस शिवसेना करना है, इसलिए वर्तमान में राजनीतिक नाटक का दिग्दर्शन और स्क्रिप्ट रायटिंग के साथ कैमरामैन भी भाजपा का है, अब भाजपा को एक शिवसेना को दस शिवसेना करने देना है या नहीं, यह उद्धव ठाकरे को तय करना होगा, ऐसा आंबेडकर ने कहा।
वर्तमान में राजनीतिक परिस्थिति में महाराष्ट्र की जनता किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं दे रही है, ऐसा तस्वीर दिखाई दे रहा है, इसलिए दो दलों को एकत्र आकर सत्ता स्थापना करना होगा, ऐसी स्थिति में हम शिवसेना के साथ आने का आफर दिया था, लेकिन अभी तक शिवसेना की ओर से अब तक कोई प्रतिसाद आया नहीं है, ऐसा आंबेडकर ने कहा। उन्होंने आगे यह भी कहा कि वर्तमान में शुरू राजनीति यह महाराष्ट्र की परंपरा नहीं है।
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