प्रशासन दे रही आश्वासनों का पिटारा
मुंबई। मुंबई में जीवनशैली में आए बदलाव के कारण इसका विपरित असर सीधे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसके कारण किडनी रोग भी बढ़े हैं। वहीं मनपा अस्पतालों में किडनी रोगियों के लिए जरूरी डायलिसिस करनेवाली मशीनों की कमी देखी जा रही है। इससे मरीजों की न केवल दुर्दशा हो रही है, बल्कि उन्हें वेटिंग लिस्ट से गुजरना पड़ रहा है। दूसरी तरफ काफी समय से मनपा प्रशासन की ओर से डायलिसिस मशीनों को बढ़ाने वाला आश्वासनों का केवल पिटारा दिया जा रहा है। ऐसे में मरीज सवाल उठा रहे हैं कि आखिरकार कैसे वेटिंग लिस्ट कम होगी और उन्हें दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में बीते कुछ सालों से लोगों के जीवनशैली और खानपान में बहुत ज्यादा परिवर्तन देखा जा रहा है। इसी वजह से मुंबईकर दिल, फेफड़े, कैंसर और किडनी जैसी जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। वहीं कुछ समय से किडनी रोग में भी इजाफा होता हुआ देखा जा रहा है, जिन्हें डायलिस की जरूरत पड़ रही है। वहीं मनपा के डायलिसिस सेंटरों और सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को इलाज में प्राथमिकता दी जाती है। आमतौर पर एक मरीज को डायलिसिस के लिए कम से कम दो से तीन घंटे का समय लगता है। इसलिए इन अस्पतालों में लंबी प्रतीक्षा सूची रहती है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार मनपा और सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस मशीनों की संख्या सीमित है। ऐसे में कई जरूरतमंद मरीजों को डायलिसिस के लिए महीने भर तक इंतजार करना पड़ता है।
निजी डायलिसिस सेंटरों पर चुकानी पड़ती है अधिक कीमत
अमूमन मुंबई के मनपा और सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। ऐसे में किडनी रोगियों को डायलिसिस के लिए एक महीने तक का इंतजार करना भारी पड़ता है। वहीं अति आवश्यक होने पर इनमें से कई रोगियों को मजबूरन निजी डायलिसिस सेंटरों का सहारा लेना पड़ता है। यहां उनसे डायलिसिस कराने के नाम पर अच्छी खासी रकम वसूल की जाती है, जो उन्हें वित्तीय संकट में डालने का काम करना है। बताया गया है कि निजी सेंटरों में एक बार डायलिसिस कराने के लिए डेढ़ से दो हजार रुपए चुकाने पड़ते हैं।
मनपा का एक और आश्वासन का पिटारा
मनपा प्रशासन की ओर से एक बार फिर से आश्वासन का पिटारा थमाया गया है। मनपा की तरफ से कहा गया है कि मुंबई में सभी सरकारी और मनपा अस्पतालों के लिए दो महीनों में 200 डायलिसिस मशीनें खरीदी जाएंगी।