मुंबई । सेंट मेरी हाई स्कूल क़ालीना सांताक्रूज (St Mary’s High School Kalina Santacruz)के फादर रुई कैमेलो, माध्यमिक प्रधानाध्यापिका सुश्री बर्नाडेट डी’आगुइयार व प्राथमिक प्रधानाध्यापिका सुश्री रेजिना परेरा के बर्बरतापूर्वक व्यवहार और फीस न भरने की वजह से छात्रों को कक्षाओं में न लेने और परीक्षा में ना बैठने देने की खिलाफ मुम्बई के वाकोला पुलिस थाने मे FIR दर्ज कि गयीं है ।
डॉ, फैजान अज़ीज़ी के मार्गदर्शन व सहयोग मे अग्रिव्ड पैरेंट्स ग्रुप की अगुवाई कर रहे गंगा सागर शर्मा ने बताया की उपरोक्त स्कूल ने सरकार द्वारा बनाये गये PTA के नियमों के साथ खिलवाड़ करते हुए उसका उल्लंघन किया गया था, साथ ही थोड़ी सी बकाया फ़ीस होने की वजह से स्कूल के कई बच्चों को स्कूल में नहीं लिया जा रहा था और परीक्षा में बैठने से माना किया गया था । एक अभिभावक के अनुसार उनके बच्चे को कई महीनों तक कक्षा के दरवाज़े पर खड़े होकर पढ़ाई करने को कहा गया जिससे त्रस्त होकर छात्र स्कूल जाने से डरने लगा है। वही एक अभिभावक एक बच्चे को थोड़ी सी फ़ीस बकाया होने की वजह से कई सालो तक स्कूल की सीढ़ियाँ नहीं चढ़ने दिया गया । अभिभावकों के अनुसार फ़ीस को हर साल 100% डबल कर दिया जाता है। अग्रिव्ड पैरेंट्स ग्रुप की तरफ़ से शिक्षा विभाग – जोगेश्वरी के अफ़सर श्री नवनीत जी से इसकी शिकायत की गई। अभिभावकों से तक़रीबन 20-25 लोगो का जत्था उनके कार्यालय का 4-5 चक्कर लगा चुका है मगर उन्होंने अपने कार्य को तजव्वों ना दे कर टाल मटोल मे लगे है।
जहां तक माध्यमिक कक्षाओं की बात करें तो, यह एक एडेड स्कूल है लेकिन फिर भी यह सालाना हजारो रूपे फ़ीस वसूलता है। सर्कारी नियम और ड़ी.ऐफ.आरसी के 16/11/2022 आदेश के अनुसार एडेड स्कूल तकरीबन Rs.1000 तक कि सालाना फिस हि लेसकता है लेकिन फिर भी स्कूल मनमानी कर रहे है और शिक्षा विभाग के जिम्मेदार आधिकारिक ऐक्शन लेने कि बजाए चुपी सादे है । इस स्कूल में हर गलती के लिए एकमात्र सज़ा फ़ीस/ पेनाल्टी और वसूली है, किसी बच्चे से दरवाज़े की कड़ी टूट गई तो पूरी क्लास से 80 -80 रुपये वसूले गये। किसी बच्चे ने टेबल पे कुछ लिख दिया तो पूरी कक्षा से 5000 वसूले गये। किसी बच्चे ने मराठी या हिन्दी में बात कर ली तो 2000 फाइन, असाइनमेंट देरी से जमा करने पर 1000 + 50 हर दिन फ़ाइन, नये कैलंडर के लिए 1000 फ़ाइन, नये आईडी के लिए 500 फाइन, यूनिफार्म में कुछ भी कम हुआ तो 200 फ़ाइन है एक प्रकार से इस स्कूल के फादर ने इसे विद्यालय से बिज़नेस सेंटर बना दिया है। सजा के नाम पर बच्चों को स्कूल की छत पर नंगे पैर खड़ा रखा जाता है। *कम्युनिटी सर्विस के नाम पर बच्चों से शौचालय साफ़ कराया जाता है।*
इस सभी प्रकार की त्रासदी से तंग आकर अभिभावकों के समूह से एक अभिभावक ने वकोला पुलिस स्टेशन में इसने ख़िलाफ़ FIR दर्ज की है और सरकार से गुहार लगायी है की इस स्कूल के ऊपर निष्पक्षता से तहक़ीक़ात की जाये और सरकार द्वारा बनाये गये नियमों का पालन करने के लिए स्कूल को बाध्य किया जाये साथ ही साथ पीड़ित अभिभावकों को न्याय दिया जाये।
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