आधुनिकीकरण पर प्रशासन खर्च करेगा 17 लाख
मुंबई। राज्य के अलग-अलग जेलो में सजा काट रहे कैदी अब ‘उन्नत तकनीक’ से किसानी करके खुद के जायके का जुगाड करेंगे। पौष्टिक, ताजी और स्वास्थ्य वर्धक सब्जियां उगा कर जेल में अपने खाने को स्वादिष्ट बनाएंगे। जेलों में की जाने वाली पारंपरिक खेती को उन्नत बनाने के लिए जेल प्रशासन १७, १६००० रुपए खर्च करेगा। ऐसी जानकारी जेल प्रशासन की ओर से दी गई है।
बता दें कि जेल में बंद कैदियों के श्रम का सदुपयोग करने और उनके माध्यम से कैदियों को ताजी और पौष्टिक सब्जियां उपलब्ध कराने के मकसद से जेल प्रशासन जेलों में कृषि को आधुनिक एवं उन्नत तकनीक व उपकरणों के इस्तेमाल की योजना बनाई है। जेल प्रशासन अब महाराष्ट्र की पैठण, नासिक, नागपुर, मोर्शी, बुलढाना, विसापुर, कोल्हापुर, येरवडा सेंट्रल, येरवडा ओपन और रत्नागिरी आदि १० अलग -अलग जेलों में १७ लाख १६ हजार रुपए खर्च करेगा। इन पैसों से बोरवेल विद्युत मोटर, पावर टिलर, रोपाई, बुवाई, काल्टिवेटर, ओपनवेल सबमर्सिबल पावर पंप, स्प्रिंकलर, रोटावेटर आदि उपकरण खरीदे जाएंगे। ताकि खेती करने वाले कैदियों को मदद मिले और अच्छी उपज प्राप्त हो। इससे जेल प्रशासन द्वारा कैदियों के प्रतिदिन के खाने पर खासकर सब्जियों के लिए खर्च होने काफी पैसे बचेंगे। अधिकारियों का कहना है कि पैदावार अच्छी होगी तो अतिरिक्त सब्जियां सरकारी नियमों के तहत बाहर भी भेजी जा सकती हैं।