Joindia
Uncategorized

देश की सुरक्षा परियोजनाओं की जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को देने का आरोप; डॉ प्रदीप कुरुलकर की जमानत अर्जी खारिज

Advertisement
Advertisement

मुंबई। देश की विभिन्न सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं की जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजने के मामले में डीआरडीओ के अधिकारी डाॅ. प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद डाॅ. प्रदीप कुरुलकर ने अपने वकील के माध्यम से जमानत के लिए आवेदन किया था। इसके बाद कोर्ट ने इस जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। डॉ। उनके व्हाट्सएप चैट से साफ है कि कुरुलकर पाकिस्तानी खुफिया जासूस ज़ारा दासगुप्ता को बेहद गोपनीय जानकारी दिखाने के लिए तैयार थे।

डीआरडीओ के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद कुरुलकर ने जमानत के लिए आवेदन किया। इस जमानत अर्जी को कुरुलकर ने खारिज कर दिया है। डॉ. डॉ. प्रदीप कुरुलकर फिलहाल यरवदा जेल में हैं।

डॉ.कुरुलकर एडवोकेट ऋषिकेश गनु के माध्यम से जमानत के लिए आवेदन दिया गया था। कुरुलकर ने मोबाइल फोन से कुछ डेटा डिलीट कर दिया है। साथ ही जब्त किए गए एक मोबाइल फोन की मरम्मत कर उसे फॉरेंसिक जांच के लिए गुजरात भेजा गया है। अभी उनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। इस बीच, डॉ. उनके व्हाट्सएप चैट से यह स्पष्ट था कि कुरुलकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की जासूस ज़ारा दासगुप्ता को बेहद गोपनीय जानकारी दिखाने के लिए तैयार थे। इस मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा अदालत में दाखिल की गई चार्जशीट में यह चैट सामने आई है।

प्रदीप कुरुलकर पर सटीक आरोप क्या है?

डॉ प्रदीप कुरुलकर को पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने हनीट्रैप में फंसा लिया था। इसके लिए सबसे पहले प्रदीप कुरुलकर से लंदन में एक मोबाइल नंबर के जरिए फेसबुक के जरिए संपर्क किया गया। संपर्क करने वाली महिला ने बताया कि उसका नाम ज़रा दास गुप्ता है और वह पश्चिम बंगाल की रहने वाली है।आगे इन दोनों के बीच बातचीत बेहद निजी स्तर पर पहुंच गई।

इस बातचीत के दौरान डॉ. डीआरडीओ ने प्रदीप कुरुलकर से देश की अलग-अलग प्रयोगशालाओं में चल रहे शोध के बारे में पूछा था। उसी समय, भारत में निर्मित ब्रह्मोस और अन्य मिसाइलों के डिजाइन का अनुरोध किया गया था। साथ ही यह भी जानकारी मांगी गई कि भारत रक्षा के क्षेत्र में और किन देशों के साथ डील कर रहा है। एटीएस की जांच में पता चला है कि कुरुलकर ई-मेल के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के संपर्क में था। एटीएस ने प्रदीप कुरुलकर के पास से जब्त मोबाइल, लैपटॉप और अन्य तकनीकी सामग्री को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा था. ये मामला सामने आया है।

Advertisement

Related posts

Union budget -2023: भाजपा शासित राज्यों को मिला फायदा, शिवसेना का आरोप, कहा महाराष्ट्र के जख्मों पर छिड़का नमक

dinu

Mumbai: इस मंदिर की तरह हो मुंबादेवी का कायाकल्प

dinu

शिवसेना के चिन्ह की लड़ाई पर चुनाव आयोग ने उठाया बड़ा कदम

Deepak dubey

Leave a Comment