भूमिगत कचरा पेटी से किया परमानेंट सॉल्यूसन
मुंबई। खुले में कचरा के डब्बा होने से आस पास के लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब बीएमसी ने लोगों को कचरे के दुर्गंध से मुक्ति दिलाने के लिए भूमिगत कचरा पेटी को बढ़ावा देगी। कुलाबा कफ परेड इलाके में मनपा ने अपने पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब नए तीन भूमिगत कचरा पेटी की योजना पर काम शुरू किया है। इसके लिए मनपा लगभग 45 लाख रुपये खर्च करेगी। प्रत्येक भूमिगत कचरा पेटी 2200 लीटर क्षमता की बनेगी।
जानकारी अनुसार यह भूमिगत कचरा पेटी कुलाबा के मच्छीमार और शास्त्री नगर के आसपास बनाई जाएंगी। इसके लिए लोकल वार्ड से जानकारी संकलित करने के निर्देश दिए गए है। ए वार्ड में कुलाबा और कफ परेड क्षेत्र में 44.48 लाख रुपये की लागत से 2200 लीटर की क्षमता वाले तीन भूमिगत कचरे का डब्बा बनाया जाएगा। हमने पहले दो भूमिगत कचरा पेटी यहां क्षेत्र में बनाया है। वह पायलट प्रोजेक्ट था। उसकी सफलता को देखते हुए अब तीन और भूमिगत कचरा पेटी बनाने पर जोर दिया है। वर्तमान में दक्षिण मुंबई के कोलाबा कॉजवे के पास अफगान चर्च में एक और दूसरा शहीद भगत सिंह रोड पर ओल्ड कस्टम्स हाउस बिल्डिंग के पास भूमिगत कचरा पेटी है। 2018 में पहली बार दक्षिण मुंबई में ए वार्ड में भूमिगत डिब्बे स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। कचरे की बदबू को मात देने के लिए भूमिगत डिब्बे का विचार प्रस्तावित किया गया था।
बदबू भरा नहीं सन्दर्यकृत होगा स्थान
उल्लेखनीय है सार्वजनिक स्थानों पर विशेष रूप से ऐसे क्षेत्र में जहां स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जाती है। ऐसे जगहों पर कचरे की दुर्गंध लोगों के लिए समस्या होती है। ऐसे ठिकानों पर कचरा पेटी भूमिगत कर ऊपरी हिस्से को सौंदर्यकृत कर लोगों के लिए सुविधा प्रदान करना मनपा की योजना है।
कैसे होगा कचरे का निपटारा
तीन डिब्बे में से दो कूड़े के डिब्बे होंगे। मनपा डिब्बे लगाने के लिए एक गड्ढा खोदेगी और कूड़े के डिब्बे को समायोजित करने के लिए एक प्री-कास्ट बंकर को गड्ढों में उतारा जाएगा। रिफ्यूज कम्पेक्टर से जुड़ी हाइड्रोलिक नली के उपयोग से दैनिक आधार पर डिब्बे खाली किए जाएंगे। कचरा उठाने के लिए मौजूदा कम्पेक्टर वाहनों में भी सुधार किया जाएगा।