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‘क्वीन ऑफ रॉयल आइसिंग’ का नया कारनामा: पुणे की प्राची ने रॉयल आइसिंग से बनाया कैथेड्रल स्ट्रक्चर का 100 किलोग्राम का केक, ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स’ में दर्ज हुआ नाम

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Hindi NewsLocalMaharashtraInternational Women’s Day Special : Prachi Of Pune Made A Cathedral Structure Cake With Royal Icing, Name Entered In ‘World Book Of Records’

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पुणेएक घंटा पहले

कॉपी लिंकप्राची के केक इसलिए फेमस हैं, क्योंकि वे उनमें रॉयल आइसिंग का इस्तेमाल करती हैं। रॉयल आइसिंग बेहद ही हार्ड कुकिंग आर्ट है, जिसमें प्राची ने महारत हासिल की है। - Dainik Bhaskar

प्राची के केक इसलिए फेमस हैं, क्योंकि वे उनमें रॉयल आइसिंग का इस्तेमाल करती हैं। रॉयल आइसिंग बेहद ही हार्ड कुकिंग आर्ट है, जिसमें प्राची ने महारत हासिल की है।

आज ‘इंटरनेशनल विमेंस डे’ है। इस मौके पर हम आपको पुणे की एक ऐसी केक मेकर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय लेवल पर अपना नाम कमाया है। हम बात कर रहे हैं आर्टिसनल केक, कप केक, कुकीज और कस्टमाइज्ड थीम वाले केक बनाने वाली प्राची धबल देब के बारे में। प्राची को ‘क्वीन ऑफ रॉयल आइसिंग’ भी बुलाते हैं।

प्राची के केक इसलिए फेमस हैं, क्योंकि वे उनमें रॉयल आइसिंग का इस्तेमाल करती हैं। रॉयल आइसिंग बेहद ही हार्ड कुकिंग आर्ट है, जिसमें प्राची ने महारत हासिल की है। इस आर्ट को उन्होंने वर्ल्ड फेमस केक मेकर आइकन, सर एडी स्पेंस एमबीई द्वारा यूनाइटेड किंगडम में जाकर सीखा है। हाल ही में प्राची ने अपनी कला का शानदार परिचय देते हुए एक ऐसा केक तैयार किया है, जिसका नाम ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स’ में दर्ज हुआ है।

क्या खास है इस केक में

कैथेड्रल चर्च के आकार का यह केक तकरीबन 100 किलोग्राम(1 क्विंटल) का है।इसे बनाने के लिए केक के 1500 टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया है।यह पूरी तरह से वेजिटेरियन केक है। इसे बनाने के लिए रॉयल आइसिंग का इस्तेमाल किया गया है।इसे बनाने में तकरीबन एक महीने का समय लगा है।इस भव्य केक की लंबाई 6 फुट 4 इंच, ऊंचाई 4 फुट 6 इंच और चौड़ाई 3 फुट 10 इंच है।

वर्ल्ड बुक में नाम आना सपने जैसा: प्राची

अपनी इस उपलब्धि पर 30 वर्षीय प्राची ने बताया,’पिछले कुछ सालों में मैंने अपने काम में बहुत मेहनत की है। मुझे बेहद खुशी है कि मेरे इस काम को इंडस्ट्री और देश दुनिया ने गर्मजोशी के साथ सराहा और स्वीकार किया है। खासकर, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा इस उपलब्धि के लिए मुझे विशेष सम्मान मिलना बहुत मायने रखता है। यह मानो एक सपने जैसा ही है। मैं इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए इस संस्थान की बहुत आभारी हूं। सच कहूं तो इसे पाकर मैं दिल से बहुत खुश हूं।’

केक को बनाने में तकरीबन एक महीने का समय लगा

वे आगे कहती हैं, “इसे बनाने की प्लानिंग व तैयारी में बहुत समय लगा, क्योंकि कैथेड्रल की रचना के लिए केक के लगभग 1,500 टुकड़ों की आवश्यकता थी। हर टुकड़े को मैंने ही तैयार किया और बाद में सभी टुकड़ों को एक साथ जोड़कर इसका ढांचा बनाया। इसे पूरी तरह तैयार करने में मुझे तकरीबन एक महीने का समय लगा है। कैथेड्रल को हूबहू तैयार करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी। हालांकि, मुझे इस पूरे प्रोसेस में बहुत मजा आया है।”

इसके लिए खास वीगेन रॉयल आइसिंग तैयार कीआमतौर पर रॉयल आइसिंग के लिए ट्रेडिशनल रेसिपी का प्रयोग होता है, लेकिन इसे भारतीय बाजार में फेमस बनाने के लिए प्राची ने एक भारतीय कंपनी-“सुगरिन” के सहयोग से रॉयल आइसिंग (वेगन रॉयल आइसिंग) विकसित किया और अब यह प्रोडक्ट भारत के साथ-साथ दुनिया भर में भी उपलब्ध है।

प्राची को बुलाते हैं ‘क्वीन ऑफ रॉयल आइसिंग’प्राची का कहना है कि उनका केक सिर्फ देखने में आकर्षक ही नहीं स्वाद में भी लाजवाब होता है। उनकी इस खूबी के चलते लोग उन्हें ‘क्वीन ऑफ रॉयल आइसिंग’ बुलाते हैं। उन्होंने दुनिया भर के जाने-माने कलात्मक केक मॉडल्स से प्रेरणा ली है, तथा उन्हें अपने अपने केक के डिजाइन में डालने का प्रयास प्रारंभ किया है। वे कहती हैं, “मैं हमेशा विक्टोरियन और यूरोपीय वास्तुकला की सुंदरता और आर्किटेक्चर से सम्मोहित रही हूं। किसी को भी इन स्मारकों की भव्यता मंत्रमुग्ध कर देती है।

ब्रिटिश शाही परिवार करता है रॉयल आइसिंग का इस्तेमाल

‘रॉयल आइसिंग’ का इस्तेमाल ब्रिटिश शाही परिवार के केक को सजाने के लिए किया जाता है। प्राची के मुताबिक, इसमें महारत हासिल करने के लिए बहुत ही धैर्य और कौशल की आवश्यकता होती है। दुनिया भर में कुछ ही लोग इसमें सफल हो पाए हैं। 2014 में प्राची ने पहली बार 3-4 इंच लंबा रॉयल आइसिंग गजेबो बनाया था।

बंगाल के शाही परिवार से प्राची का नाताप्राची के माता-पिता देहरादून से हैं और उनकी उनके पति पुणे में आई.टी प्रोफेशनल हैं। वे मूल रूप से पश्चिम बंगाल के धालभूम एस्टेट के शाही परिवार से आते हैं। अपनी योजनाओं के बारे में प्राची ने बताया, “इस दिशा में अपने कौशल और कलात्मकता को बनाए रखने के लिए नई तकनीकों और प्रोडक्ट्स की खोज जारी रखना बेहद जरूरी है। रॉयल आइसिंग आर्ट को लोगों तक पहुंचाना और इसे बेकिंग इंडस्ट्री में पहचान दिलाने के लिए मैं प्रयास करती रहूंगी।”

प्राची के नाम पर अवार्ड्स और रिवार्ड्स

फोर्ब्स में ‘आधुनिक भारत के गेम चेंजर ‘ की सूची में चयन – मार्च 2020इकोनॉमिक टाइम में भारत के ‘ईटी न्यू मेकर’ की सूची में चयन – नवंबर 2020’टाइम्स वुमन ऑफ सब्सटेंस’ सम्मान – मार्च 2021फोर्ब्स इंडिया में ‘डब्ल्यूबीआर कॉर्प यूके लिमिटेड 45 अंडर 45’ की सूची में चयनफेमिना द्वारा ‘ फेमिना मोस्ट पावरफुल वीमेन 2021’ सम्मान।केक मास्टर्स मैगजीन इंडिया द्वारा 2017 में ‘टॉप 10 केक आर्टिस्ट ऑफ इंडिया’ की सूची में चयन।बर्मिंघम में वर्ष 2019 के लिए केक मास्टर्स रॉयल आइसिंग पुरस्कार।बृजभूमि फाउंडेशन द्वारा 2019 में महाराष्ट्र की शीर्ष 50 सबसे प्रभावशाली महिला की सूची में चयन।जी इंडिया एक्सीलेंस अवार्ड द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ‘केक कलाकार पुरस्कार’।लोकमत ग्रुप द्वारा 2020 और 2021 के लिए पुणे की ‘वीमेन एचीवर सम्मान’।भारत लीडरशिप अवार्ड 2021- ( महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी के कर-कमलों से)।टॉप 4- रॉयल आइसिंग आर्टिस्ट केक मास्टर्स अवार्ड्स बर्मिंघम, 2017एग फ्री व शाकाहारी रॉयल आइसिंग संरचना के लिए ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ लंदन द्वारा 2022 में सम्मान।खबरें और भी हैं…

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