मुंबई। जेजे अस्पताल में कुछ कारनामों से मरीजों का हाल हो रहा है। मुंबई से लगे जिलों से आने वाले मरीजों को अस्पताल के कैजुअल्टी में कार्यरत चिकित्सक यह कह कर वापस लौटा दे रहे हैं कि आगामी 15 दिनों तक अस्पताल में सर्जरी बंद है। ऐसे में वे मुंबई के दूसरे अस्पतालों में भर्ती होंने को मजबूर है। इसी तरह एक मामले में ठाणे जिला अस्पताल से गंभीर अवस्था में ठाणे जिला रेफर हुए मरीज को जेजे से सर्जरी बंद होने का हवाला देकर वापस लौटा दिया गया। इतना ही नहीं मरीज के परिजनों को इस बारे में किसी से ना करने की भी हिदायत दी गई। इस के कारण अब नागरिकों में नाराजगी देखी जा रही है।
जानकारी के अनुसार ठाणे के कासरवडवली स्थित ओवला गांव में रहने वाले किसान कृष्णा शंकर चौधरी रविवार की सुबह अपने खेत में लगे हुए फसलों का मुआयना करने पहुंचे थे। खेत से लौटते समय किसान को करीब सात बजे जहरीले सांप ने डस लिया। इसकी जानकारी होते ही बेहोशी की अवस्था में स्कूटी पर बिठा परिजन अस्पताल की तरफ दौड़े। हालांकि इस बीच करीब आधा किलोमीटर तक उनका पैर सड़क पर घिसटते रहा। इसके चलते उनके पैर की लभगभ सभी अंगुलिया बुरी तरह घयाल हो गईं। दो उंगलियों की हड्डियां तक दिखने लगी। इतना ही नहीं गंभीर चोटों की वजह से खून की धार बह रही थी, जो थमने का नाम नहीं ले रही थी। ऐसे में बिना देर किए परिजन ठाणे जिला सरकारी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करा दिया। ठाणे जिला सिविल अस्पताल में किसान को स्नैक का एंटीडोज तो लगा दिया गया। लेकिन यहां पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध न होने से उसकी अंगुलियों की सर्जरी नहीं हो सकी। ऐसे में चिकित्सकों ने जेजे अस्पताल रेफर कर दिया। किसान के भाई गणेश चौधरी ने बताया कि सिविल से रेफर किए जाने के बाद वे मरीज को शाम 3.30 बजे जेजे अस्पताल लेकर पहुंच गए। लेकिन यहां कार्यरत सीएमओ और एक हड्डी रोग विशेषज्ञ ने कह दिया कि तकनीकी दिक्कतों के चलते यहां सर्जरी 18 दिनों तक बंद रहेगी। इतना ही नहीं उन्होंने किसान को मुंबई के दूसरे अस्पतालों में ले जाने की सलाह दी। साथ ही परिजनों को इस बारे में किसी से न कहने के लिए कहा। हालांकि मरीज मुंबई के अन्य अस्पतालों में ले जाने के बजाय परिजन फिर से जिला अस्पताल में लाए और आईसीयू में भर्ती करा दिया। इस बीच रात में अचानक तबियत बिगड़ने के बाद फिर से किसान को जेजे अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां अब उसका उपचार शुरू है।
अधीक्षक सीएमओ के बातो को बताया गलत
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय सुरासे ने कहा कि इस समय जेजे अस्पताल में हर तरह की सर्जरियां शुरू हैं। इस मामले में कुछ गलतफहमियां हुई हैं। किसी ने गलत जानकारी दी है, जिसे समझने के बाद उसे दूर किया जाएगा।
अस्पतालों में बेड बुक न होने से होती है परेशानी
राज्य सरकार द्वारा संचालित 108 एंबुलेंस में कार्यरत चिकित्सकों और कर्मचारियों का कहना है कि जिला व छोटे अस्पतालों से बड़े अस्पतालों में मरीजों को रेफर तो कर दिया जाता है। लेकिन जिन बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाता है, वहां बेड बुक न होने से मरीजों, उनके परिजनों के साथ ही हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं कैजुअल्टी विभाग में कार्यरत चिकित्सकों और कर्मचारियों की खरीखोटी भी सुननी पड़ती है।