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महानगर मुंबई में राज्य सरकार के हाइवे की सड़कों एवं पुलों के मेंटेनेंस के लिए मनपा को सौपने के निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। सरकार ने इस संदर्भ में एमएमआरडीए और एसआरडीसी को निर्देश दिया है। लेकिन मनपा इस प्रस्ताव से असहमत है। सरकार के समक्ष शर्त रख दी है। मनपा के अनुसार यह घाटे का सौदा हमें स्वीकार नहीं, जबतक कि हमें इन पुलों एवं सड़कों पर विज्ञापन का अधिकार नहीं मिलता है। क्यों कि इसके मेंटेनेंस में काफी खर्च है और राजस्व नहीं आएगा तो यह मनपा के लिए घाटे का काम होगा। मनपा के इस निर्णय से राज्य सरकार को झटका लगा है।
राज्य सरकार और एमएमआरडीए के अधिकार क्षेत्र के मुंबई में दोनो हाइवे सहित 24 फ्लाईओवर और चार सबवे मनपा को सौंपे जाने का आदेश हैं। लेकिन मनपा ने इन पुलों का कब्जा लेने से इनकार कर दिया है, कहा कि जब तक उसे विज्ञापन और सेलुलर टावर का अधिकार नहीं दिया जाता है तबतक वे इन पुलों के मेंटेनेंस की जवाबदारी नहीं लेगी।
उन्होंने कहा कि इन सड़कों और पुलों के रखरखाव के लिए बड़ी मात्रा में धन की आवश्यकता होती है। मनपा को दो-लेन की आंतरिक सड़कों को बनाए रखने का अनुभव है, लेकिन इन हाइवे पर मेन रोड के अलावा सर्विस रोड के साथ कुल चार से पांच लेन हैं। दोनो हाइवे 90 किमी लंबी हैं। जो मनपा के सिंगल लेन की सामान्य सड़क की तुलना में 5 गुना ज्यादा है। ऐसे में इन हाईवे और ब्रिज का खर्चा चलाना मुश्किल होगा। विज्ञापन और सेलुलर टावर बनने के बाद मनपा को राजस्व मिलेगा जिससे मेंटेनेंस के लिए खर्च करना आसान हो जाएगा।
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