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आयात में कमी के चलते पाम तेल के दामों में सुधार, फरवरी में भारत का पाम तेल आयात गिरकर 9 महीने के निचले स्तर पर

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पाम तेल के मुकाबले सस्ते सूरजमुखी तेल के आयात में बढ़ोतरी

मुंबई। अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया पिछले कुछ महीनो में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य तेलों के दामों में गिरावट दर्ज की गई थी जिसके चलते भारत के आयातको एवं बड़े व्यापारियों ने काफी नुकसान किया जिसके चलते सतर्कता बरत ते हुए सभी ने आवश्यकता के मुताबिक ही माल रखना उचित समझते हुए “हैंड टू माउथ” की स्थिति में आ गए जिसका सीधा असर आयात पर दिखने लगा और फरवरी में भारत का पाम तेल आयात नौ महीनों में सबसे निचले स्तर पर गिर गया है। दूसरी बड़ी वजह ऊंची कीमतों ने खरीदारों को उष्णकटिबंधीय तेल की खरीद कम करने और किफायती सूरजमुखी तेल की खरीद बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

दुनिया में वनस्पति तेलों के सबसे बड़े आयातक, भारत द्वारा कम खरीदारी से बेंचमार्क मलेशियाई पाम तेल वायदा पर असर पड़ सकता है, लेकिन इससे काला सागर क्षेत्र में सूरजमुखी तेल के भंडार को कम करने में मदद मिलेगी।

फरवरी में पाम तेल का आयात महीने-दर-महीने 35.6% गिरकर 504,000 मीट्रिक टन हो गया, जो मई 2023 के बाद सबसे कम है।

महासंघ के महामंत्री तरुण जैन ने कहा, लगातार नकारात्मक मार्जिन और सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के कारण पाम तेल के आयात में काफी गिरावट आई है।

पाम तेल आमतौर पर प्रतिद्वंद्वी सोया तेल और सूरजमुखी तेल की तुलना में छूट पर कारोबार करता है, लेकिन गिरते स्टॉक ने इसकी कीमतों को प्रतिद्वंद्वी तेलों से ऊपर उठा दिया है, जिनकी आपूर्ति प्रचुर है।

भारत में अप्रैल डिलीवरी के लिए कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात लागत, बीमा और माल ढुलाई (सीआईएफ) सहित लगभग 965 डॉलर प्रति मीट्रिक टन की पेशकश की जा रही है, जबकि सोया तेल और सूरजमुखी तेल क्रमशः 950 डॉलर और 928 डॉलर प्रति टन की पेशकश की जा रही है इसलिए पाम तेल के आयात में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

कम कीमतों पर सूरजमुखी तेल का आयात पिछले महीने 34% बढ़कर 295,000 टन हो गया, और मूल रूप से जनवरी में अपेक्षित शिपमेंट लाल सागर शिपिंग लेन पर हौथी हमलों के कारण हुई देरी के कारण फरवरी में आया।

फरवरी में सोया तेल का आयात एक महीने पहले से 7.9% गिरकर 174,000 टन हो गया, और 31 अक्टूबर को समाप्त पिछले विपणन वर्ष में देखे गए 306,000 टन के मासिक औसत आयात से काफी कम था।

पाम तेल और सोया तेल के कम आयात ने फरवरी में भारत के कुल खाद्य तेल आयात को लगभग दो साल में सबसे निचले स्तर 973,000 टन पर ला दिया, जो एक महीने पहले से 18.4% कम है।

दूसरी तरफ इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल के निर्यात में कमी होने से पाम तेल का इस्तेमाल बायोडीजल के रूप में बढा ने पर जोर दिया जा रहा है।

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