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BOARD EXAM: दसवीं बोर्ड परीक्षा, ‘यक्ष प्रश्न’ से परेशान विद्यार्थी, विज्ञान की परीक्षा में पूछा सवाल, नहीं कोई सटीक जवाब

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नवी मुंबई। कक्षा दसवीं की विज्ञान भाग एक की परीक्षा में सोमवार को हुई जिसमें एक ऐसा प्रश्न पूछा गया जिसका सटीक जवाब किसी विद्यार्थी को नहीं पता है। इस यक्ष प्रश्न के चलते विद्यार्थी और उनके परिजन परेशान हैं। सभी इसका उत्तर जानने के लिए हर दरवाजा खटखटा रहे हैं, लेकिन दुख की बात यह है कि बोर्ड ने चुप्पी साध रखी है। बता दें कि दसवीं कक्षा की परीक्षाएँ शुरू हैं। विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह एक निर्णायक वर्ष होता है। इस कारण विद्यार्थी एक-एक अंक के लिए जी-तोड़ मेहनत करते हैं। अच्छे अंक प्राप्त करने की कोशिश के बावजूद भी हर वर्ष बोर्ड की तरफ से कोई ऐसा यक्ष प्रश्न पूछ ही लिया जाता है, जो विद्यार्थियों की परेशानी का सबब बन जाता है। इस वर्ष भी ऐसा ही कुछ हुआ है।
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नहीं मिल रहा जवाब
बोर्ड परीक्षा में इस वर्ष विज्ञान भाग एक की परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया था। प्रश्न था कि ‘सबसे छोटे आकार वाले परमाणु का नाम लिखिए।‘  इस प्रश्न के उत्तर में किसी बच्चे ने हिलियम लिखा तो किसी ने हाइड्रोजन लिखा। अब सवाल यह उठता है कि उत्तर कौन-सा सही है, क्योंकि इस प्रश्न का सीधा और सटीक उत्तर बालभारती की पाठ्यपुस्तक में भी नहीं दिया गया है। विद्यार्थी और उनके परिजन इस प्रश्न का सटीक उत्तर प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इसका जवाब कहीं से नहीं मिल पा रहा है।
बोर्ड ने साधी चुप्पी
इस प्रश्न ने सारे विद्यार्थियों और उनके परिजनों की नींद हराम कर दी है। हर विद्यार्थी इस यक्ष प्रश्न का उत्तर प्राप्त करना चाहता है, लेकिन बोर्ड ने चुप्पी साध रखी है। उसके कानों में तो जैसे जूँ तक नहीं रेंग रही है। बोर्ड को यह समझना चाहिए कि उसके निर्णय में जितनी देरी होगी, विद्यार्थियों की चिंता उतनी ही गहराती चली जाएगी। शायद उनके आगामी विषय की परीक्षाओं पर भी बुरा प्रभाव पड़े।
इस संदर्भ में जब परिजनों से बातचीत की गई तो उनकी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सभी बोर्ड से जल्द-से-जल्द उत्तर देने की मांग कर रहे हैं।
बोर्ड तुरंत दे जवाब
बोर्ड को इस तरह के विवादास्पद प्रश्नों को पूछने से बचना चाहिए। उस पर भी यदि प्रश्न पूछ ही लिया गया है तो इस सवाल का जवाब बोर्ड को तुरंत दे देना चाहिए। समझ में यह नहीं आ रहा है कि आखिर इतनी देरी करने की वजह क्या है? इस तरह मामले पर ध्यान न देकर चुप्पी साधे रहना लापरवाही दर्शाता है।
– कामिनी चंचल, परिजन
सही जवाब का है इंतजार
इस प्रश्न का सही उत्तर जो भी हो, उसका निर्णय तुरंत लेकर उसका खुलासा करना चाहिए। बोर्ड को इस मामले में ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए। यह मात्र एक प्रश्न नहीं, बल्कि इससे विद्यार्थियों का भविष्य जुड़ा हुआ है।
– अमन पालीवाल, परिजन
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