Joindia
देश-दुनियाकल्याणठाणेनवीमुंबईमुंबईरीडर्स चॉइससिटी

OMG! दिल की दुर्लभ बीमारी से था ग्रसित, डॉक्टरों ने सर्जरी कर युवक की जान बचाई , हिंन्दुस्थान और अफ्रीका में ही मिलता है रोग ,10 लाख में से एक हो सकता है ग्रसित

Advertisement
Advertisement

मुंबई । मनपा द्वारा संचालित केईएम अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों ने दिल की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित एक युवक की जान समय रहते बचा लिया। चिकित्सकों का कहना है कि इस मामले में सबमायट्रल एन्युरिसम के शिकार युवक ने थोड़ी और देर किया होता तो उसे बचा पाना संभव नहीं था, क्योंकि यह बीमारी का आखिरी चरण होता है। फिलहाल युवक अब खतरे से बाहर है और तेजी से रिकवरी कर रहा है। दूसरी तरफ चिकित्सकों का यह भी कहना है कि हृदय की यह दुर्लभ बीमारी केवल हिंदुस्थान और अफ्रीका में ही मिलता है। साथ ही 10 लाख लोगों में से कोई एक इसका शिकार हो सकता है।

मुंबई के गोवंडी में रहने वाले 25 वर्षीय युवक शाफत अली मोहम्मद हनीफ को दो सप्ताह से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। ऐसे में वह इलाज कराने नजदीकी डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने जांच की तो युवक के दिल में समस्या दिखाई दी। उसने युवक को आगे की इलाज के लिए मनपा के केईएम अस्पतला में जाने की सलाह दी। युवक के केईएम अस्पताल के हृदयरोग विभाग में पहुंचते ही वहां कार्यरत चिकित्सकों ने एंजियोग्राफी के साथ इको और कुछ जांच की तो पता चला कि उसके दिल के निचले बाएं हिस्से की परत कमजोर हो गई है और वह गुब्बारे जैसे फुग रहा था, जिसे चिकित्सकीय भाषा में सबमायट्रल एन्युरिसम टाईप ३ कहते हैं। यह बीमारी अंतिम चरण में पहुंच चुकी थी। साथ ही यह किसी समय भी फुट सकती थी। इसलिए बिना देर किए उसे हार्ट सर्जरी विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया।

तत्काल सर्जरी का किया गया फैसला

मामले की गंभीरता को देखते हुए हार्ट सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. बालाजी ऐरोनी ने तुरंत सर्जरी कराने का फैसला किया। सुबह 11.30 बजे शुरू की गई सर्जरी शाम 7.40 बजे तक चलती रही। आठ घंटे के ऑपरेशन के दौरान हनीफ के दिल के गुब्बारे को बोवाइन पेरिकार्डियम की मदद से अंदर से बंद कर दिया गया। डॉ. ऐरोनी ने कहा कि दिल तक पहुंचा गुब्बारा बाई ओर स्थित कमजोर हुए परत के वाल्व के नीचे था। इससे यह वॉल्व चोटिल हो गया था। फिलहाल इस वॉल्व को ठीक कर दिया गया है। साथ ही युवक की स्थिर हुए हालत को देखते हुए विशेष चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया है।

खर्चीला है इलाज

डॉ. ऐरोनी के मुताबिक दिल में मिला गुब्बारा एक बहुत ही दुर्लभ किस्म की बीमारी है। यदि गुब्बारे से हृदय में आया रक्त एकत्रित हो जाए, तो हृदय में रक्त का थक्का बन जाता है और पूरे शरीर में फैल जाता है। इससे अंगों में लकवा या गैंग्रीन होने की भी संभावना होती है। यह रोग जन्मजात अथवा संसर्गजन्य होता है, जो आमतौर पर भारत और अफ्रीका में पाया जाता है।

केईएम में दस सालों में चौथी सर्जरी

उन्होंने कहा कि इसका इलाज काफी खर्चीला है। प्राइवेट अस्पतालों में इसपर 10 से 12 लाख रुपए तक खर्च आ सकता है। हालांकि केईएम अस्पताल में यह सर्जरी महात्मा फुले योजना के तहत की जाती है। इसलिए यहां केवल एक लाख रुपए में ही सर्जरी हो जारी है। डॉ ऐरोनी ने कहा कि अस्पताल में बीते 10 सालों की अवधि में यह चौथी सर्जरी थी।

Advertisement

Related posts

समुद्री सुरक्षा को अभी भी खतरा ! 26 /11 हमले के बावजूद सुरक्षा मे लापरवाही

Deepak dubey

होली में न हो कोई अनहोनी!, होली में ट्रेनों पर गुब्बारे न मारे जाए इसलिए कॉलेजों और स्कूलों को लेटर देगी रेलवे पुलिस

Deepak dubey

MUMBAI: मुंबई में 3 मार्च को ‘गढ-किले रक्षा महामोर्चा’ !

Deepak dubey

Leave a Comment