मुंबई | कक्षा 10वीं-12वीं का साल हर छात्र के जीवन का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है।10वीं कक्षा के बाद छात्रों और उनके माता-पिता ने यह निर्णय लिया है कि वे भविष्य में किस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। साथ ही, 12वीं कक्षा के बाद भी छात्र अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव की ओर बढ़ते हैं। तो वह वर्ष दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। माता-पिता कक्षा 10-12 में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए छात्रों को अच्छे स्कूलों और ट्यूशन में भेजते हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई का खर्चा बढ़ जाता है। दिलचस्प बात यह है कि 10वीं-12वीं के छात्रों के इसी खर्च में और इजाफा होने की संभावना है। क्योंकि राज्य सरकार एक बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार 10वीं-12वीं की परीक्षा फीस में 30 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है। राज्य शिक्षा बोर्ड इस समय आर्थिक घाटे में चल रहा है। मंडल को आय की तुलना में अधिक व्यय वहन करना पड़ता है। इससे बोर्ड को 40 से 50 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ है। राज्य शिक्षा बोर्ड के नुकसान की भरपाई के साथ ही वित्तीय नियंत्रण के लिए राज्य सरकार को परीक्षा शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है। 10वीं-12वीं कक्षा 30 फीसदी तक आवेदन कर सकते हैं छात्रों को आज के मुकाबले 30 फीसदी अधिक परीक्षा शुल्क देना होगा। उसके बाद 10वीं-12वीं के छात्रों की फीस बढ़ोतरी की खबर सामने आई है।