मुंबई। आम जनता के लिए महँगाई की मार बेरहम होती जा रही है और पता नही मोदी सरकार आखिर कर क्या रही है।मोदी सरकार और रिजर्व बैंक RBIकी कोशिश नाकाम साबित होती जा रही है महँगाई दर के बढ़ने का सिलसिला जारी है।केंद्र में मोदी सरकार की गलत नीतियों के जाल में फंस एक तरफ जहां जनता पीस रही है, वहीं दूसरी तरफ फेल होती नीतियों के चलते महंगाई बेलगाम हो गई है और इसने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। महंगाई की मार झेल रही जनता को एक बार फिर से आरबीआई अगले महीने झटका देने जा रही है। बताया गया है कि यदि ब्याज दरों में वृद्धि होती है तो इसका सीधे असर लोगों की जेबों पर पड़ेगा। सीधे शब्दों में कहें तो ब्याज दरों में वृद्धि से हाउसिंग, शिक्षा समेत कई तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। यदि स्थितियां ऐसे ही रहीं तो सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा जनता को आगे भी भुगतना पड़ेगा।
आम जनता पर बढा बोझ
भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है ।पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और खाद्य पदार्थों की बेलगाम कीमतों ने घर की रसोई का पूरा बजट ही बिगाड़ दिया है। एक मध्यम वर्गीय परिवार पर 10-15 हजार रुपए से अधिक का खर्च का बोझ बढ़ गया है। इसी तरह पेट्रोल और डीजल के दामों में भी इसी तरह की बढ़ोतरी देखी गई है। इसी के साथ गैस सिलेंडर के दाम दोगुना हो गया है। बता दें कि स्थानीय करों के आधार पर राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं। देश के चारों महानगरों की अगर तुलना करें तो मुंबई में पेट्रोल-डीजल सबसे अधिक महंगा है।
महंगे लोन के लिए हो जाएं तैयार, RBI कर सकता है रेपो रेट में बढ़ोतरी
रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी से कॉस्ट ऑफ बोरोइंग (Cost of Borrowing) यानी उधारी की लागत बढ़ जाएगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि रेपो रेट बढ़ने से बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ जाएगी। बैंक इसे ग्राहकों पर डालेंगे। इससे लोन लेना महंगा हो जाएगा।बतादे की आरबीआई ने मॉनिटरिंग पॉलिसी कमिटी की तीन नवंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है, जो 5 से 7 दिसंबर को होनी थी। ऐसे में अचानक बुलाई गई एमपीसी की अतिरिक्त बैठक को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर तय समय से पहले बुलाई गई इस बैठक का एजेंडा क्या है। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि बीते कुछ महीनों में महंगाई ने तेजी से पैर पसारे हैं। जिसकी वजह से आरबीआई की चिंताएं बढ़ गई हैं। ऐसे में सरकार को रिपोर्ट देने के अलावा होने वाली बैठक में आरबीआई डॉलर के मुकाबले गिरते रुपए को संभालने और महंगाई को काबू करने के लिए फिर से रीपो रेट भी बढ़ सकता है। यदि ऐसा हुआ तो हर तरह के लोन आदि महंगे हो जाएंगे।होम लोन के अलावा ऑटो लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और बिजनस लोन भी महंगा हो जाएगा। बोरोइंग कॉस्ट बढ़ने से आम लोग अनावश्यक खर्च से बचते हैं जिससे मांग घटती है। हालांकि, रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होगा, जिन्होंने एफडी करा रखी है
रसोई के बजट में बिगाड़
सब्जियों की महंगाई ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। कुछ सब्जियों के दाम तो इतनी ऊंचाई पर पहुंच गए हैं कि आम आदमी ने इन्हे खाना ही कम कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर बारिश से हुई भारी नुकसान से सब्जियों की कीमतों में आग लग गई हैं। मुंबई, ठाणे और पुणे जैसे शहरों में ग्वार, फूल, शिमला मिर्ची, भिंडी, पत्ता गोभी, बैगन जैसी सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। इसके साथ ही सब्जियों की आवक भी 25 से 30 प्रतिशत तक घट गई है। खेतों में जलभराव के कारण सब्जियां सड़ रही हैं और सब्जियों की कटाई में भी दिक्कतें पैदा हो रही है। फिलहाल नई सब्जियां तैयार होने और बाजार में पहुंचने में कम से कम एक से डेढ़ महीने का समय लग सकता है। इसलिए आवक के सामान्य होने तक सब्जियों की कीमतें अधिक रहने की संभावना है। ऐसे में आने वाले दिनों में गृहणियों को न केवल रुलाएगा, बल्कि रसोई का बजट भी बिगाड़ेगा।जिसके चलते आम जनता के जेब पर असर पड़ रहा है।
महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। पेट्रोल-डीजल, तेल-दाल से लेकर रसोई गैस तक सब कुछ महंगा हो गया है। पेट्रोल और डीजल के दाम तो पांच दिन के अंदर छह बार बढ़े है। इसके अलावा रसौई गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है। दूध हो या फिर सब्जी रोजमर्रा की चीजों की कीमतें बेतहाशा बढ़ती जा रही है। लेकिन आम नागरिक पर बोझ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आम आदमी महंगाई के दर्द से कराह रहा है।