प्रभु श्रीराम से जुड़े स्थानों को पर्यटन के तौर पा विकसित करने की सरकार से करेंगे मांग
नवी मुंबई । अयोध्या(ayodhya)के अभिषेक सावंत इन दिनों अयोध्या से रामेश्वरम की साइकिल यात्रा पर है।अयोध्या में गाइड के साथ शोध कार्य करने वाले अभिषेक ,(Cycle tour from Ayodhya to Rameshwaram)साइकिल प्रेमी भी हैं और पर्यावरण प्रेमी भी। वे उस रास्ते के अनुभव लेने निकले हैं जिससे श्री राम ने वनवास के दौरान यात्रा की थी। अभिषेक के हिस्से में कई ऐसे किस्से आए है जो उनका जीवन बदल रहे है। वो इस यात्रा को पूरा करके शैक्षणिक संस्थानों और सामाजिक संगठनों के बीच अपने अनुभव साझा करेंगे। मंगलवार को वाशी पहुंचे अभिषेक ने बताया कि उनका मकसद अयोध्या से रामेश्वरम तक श्रीराम के वनवास के विभिन्न पहलुओं से आम जनमानस को जोड़ना है जो एक तरह से टूरिस्म के नज़रिए से भी अहम हो सकता है।वाशी के राजीव गांधी कॉलेज के मुख्याध्यापक वासु पांडेय और छात्रों ने अभिषेक का जमकर स्वागत किया।
अपने साथ फेसबुक और फोन पर भी सम्पर्क में रहने वाले अभिषेक ने जब नवी मुंबई के वाशी पहुंचने पर एक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात हुई महाराष्ट्र पुलिस की हेड कांस्टेबल अश्विनी देवरे से जोकि #ironmantriathlon जैसा चुनौतीपूर्ण मुकाबला पूरा कर चुकी हैं।अभिषेक चाय की दुकान पर चाय पी रहे थे, तभी उनकी नजर अश्विनी पर गई। अश्विनी देवरे से परिचय हुआ तो उन्होंने अभिषेक के वहां पर एक रात रुकने की ज़िम्मेदारी ली। ख़ास बात ये कि अश्वनी भारत के 65 जिलों की ये यात्रा बिना पहले से ठहरने आदि का बन्दोबस्त किये जारी रखे हुए हैं. 80 दिन हो चुके है। हर उस जगह ठहरते हैं जहां मंदिर आदि के रूप में राम के चिन्ह मिलते हैं। अभिषेक का मानना है कि रास्ते में लोगों से मिलना नियति ने पहले से तय किया हुआ होता है , ” यह घटित घटना पहले से प्रायोजित थी क्योंकि न ही मैं चाय पीने रुकता और न ही मेरी मुलाकात होती, प्रायोजित इसलिए कहा मैंने क्योंकि नियति के बंधन के तार कहां आपको मिलवा देते है यह हम नहीं जानते”।
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