ठाणे। कल्याण, डोंबिवली के बाद अब ठाणे-दिवा में भी मिंधे के खिलाफ भाजपा का आंदोलन शुरू हो गया है(BJP will agitate)। दूषित पानी और नाली की सफाई को लेकर दिवा में मिंधे गुट को ‘पकड़ने’ वाली भाजपा अब सीधे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे स्थित आवास पर हमला करने जा रही है। यह आरोप लगाते हुए कि बार-बार शिकायतों के बावजूद कुछ के पेट भरने के लिए अवैध निर्माणों पर हथौड़ा नहीं चलाया जा रहा है, दिवा में भाजपा पदाधिकारी 20 जुलाई को ठाणे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के घर के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। दिवा में भाजपा ने यही पत्र मनपा आयुक्त को दिया है।
दूषित पानी, टूटी सड़कें, गंदगी के साम्राज्य के कारण दिवा की हालत खस्ता हो गई है। हालांकि मिंधे के नगरसेवकों ने लोगों के सवालों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया, लेकिन जब से राज्य में मिंधे की सरकार आई है, राज्य में अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो गए हैं. मिंधे गुट के स्थानीय प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच मिलीभगत के कारण, दिवा में अवैध निर्माण बढ़ गए हैं और शहर में अव्यवस्था हो गई है।
दिवा में भाजपा का आरोप है कि इस अवैध निर्माण से मिंधे गुट के पूर्व नगरसेवक का पेट भरा जा रहा है. दिवा भाजपा के शहर अध्यक्ष रोहिदास मुंडे ने सबूतों के साथ आयुक्त से शिकायत की है. लेकिन मनपा प्रशासन द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से रोहिदास मुंडे ने रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि इन अवैध निर्माणों के लिए मनपा जिम्मेदार है. आयुक्त को लिखे पत्र में मुंडे ने चेतावनी दी है कि दिवा में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के विरोध में दिवा के भाजपा कार्यकर्ता 20 जुलाई को मुख्यमंत्री के ठाणे स्थित घर के बाहर अनशन पर बैठेंग।
प्रत्येक स्लैब के लिए तीन लाख
भाजपा शहर अध्यक्ष रोहिदास मुंडे ने दिवा में मिंधे गुट के पूर्व नगरसेवक रमाकांत माढवी के माफिया का पर्दाफाश किया है। मुंडे ने आयुक्त को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया है कि वार्ड समिति के सहायक आयुक्त प्रीतम पाटिल और पूर्व उपमहापौर रमाकांत माढवी के बीच आर्थिक सांठगांठ के कारण प्रतिदिन अवैध निर्माण खड़े किए जा रहे हैं, प्रत्येक स्लैब के लिए बिल्डरों से तीन लाख रुपये की उगाही की जा रही है। एक तरफ मिंधे गुट के आशीर्वाद से सुविधाओं के नाम पर दबदबा है, पीने का पानी नहीं है, वहीं मिंधे गुट के आशीर्वाद से अवैध निर्माण बढ़ रहे हैं, क्लस्टर योजना का दुरुपयोग किया जा रहा है।