मुंबई। हिंदुस्थान के सभी ब्लड बैंक थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को मुफ्त रक्त आपूर्ति प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि ऐसी कई शिकायतें मिली हैं कि कई ब्लड बैंक थैलेसीमिया ग्रसित बच्चों को मुफ्त खून उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस संबंध में केंद्र सरकार और देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग को पत्र भेजा है, जिसमें इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी का ब्योरा मांगते हुए इसे तुरंत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि थैलेसीमिया एक रक्त संबंधी बीमारी है। कई बच्चे इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं। इस बीमारी से पीड़ित मरीज को अक्सर खून की जरूरत पड़ती है। ऐसे में आम लोग इस बीमारी का इलाज नहीं करा सकते हैं, क्योंकि इसका इलाज बहुत ही खर्चीला होता है। इसलिए केंद्र सरकार ने देश के सभी सरकारी और निजी ब्लड बैंकों को इन मरीजों को मुफ्त रक्त और रक्त घटक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इस बीमारी का समय पर पता लगाने के साथ ही रोगियों की विशेष देखभाल करना और इलाज का वित्तीय बोझ जैसी कई समस्याएं हैं। हालांकि थैलेसीमिया के प्रसार को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। यह रोकथाम, स्क्रीनिंग, समय पर सिनाख्त और प्रबंधन के लिए व्यापक रणनीतियों पर केंद्रित है। इसके बावजूद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पास कई शिकायतें आई हैं कि कई ब्लड बैंक थैलेसीमिया रोगियों से शुल्क ले रहे हैं या समय पर रक्त और रक्त घटकों की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं।
परिपत्र जारी करने की सिफारिश
मध्य प्रदेश में एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे के परिवार को इलाज के दौरान रक्त आधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवश्यक मात्रा में खून की थैलियां लाने के लिए कहा गया था। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने केंद्र सरकार से कहा है कि देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक परिपत्र जारी किया जाए। इसमें सभी अस्पतालों में मुफ्त रक्त आधान उपचार प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य व परिवार मंत्रालय के आदेश का पालन करने की सिफारिश के संबंध में एक परिपत्र जारी किया जाए।
यह भी दिया है निर्देश
आयोग ने देश के सभी अस्पतालों और ब्लड बैंकों को थैलेसीमिया के इलाज की जरूरत वाले बच्चों को उचित सुविधाएं प्रदान करने के लिए की जा रही कार्रवाई पर एक रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को cp.neper@nic पर भेजने का निर्देश दिया है।