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नासिक। हाल ही में ऑनलाइन लेन-देन करने से नागरिक समय की बचत करते हैं। डिजिटल क्रांति ने वित्तीय लेन-देन को गति दी है। लेकिन इस बात की जासूसी करने वाले कम नहीं होते, अपने हाथों से गलती करने की नीयत से ठगी की घटनाएं होती रहती हैं। इसलिए साइबर पुलिस अक्सर ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन करते समय सावधानी बरतने की हिदायत देती है। हालांकि ऑनलाइन जालसाजों का तर्क है कि ठगे जाने के बाद ही व्यक्ति को ठगे जाने का एहसास होता है। ऐसी ही एक घटना नासिक के मालेगांव तालुका के एक ग्रामीण इलाके में हुई है। मालेगांव तालुका के पोहाने गांव में आठ से दस लोगों ने केंद्र की ऋण योजना की जानकारी देकर साढ़े अठारह लाख रुपये की उगाही की है। गोरख दादाजी भामरे द्वारा वडनेर खाकुर्डी थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। कृषि और डेयरी व्यवसाय से जुड़े युवक गोरख दादाजी भामरे के मोबाइल पर केंद्र की प्रधानमंत्री ऋण योजना के बारे में संदेश आया।
उसमें दो प्रतिशत ब्याज और उधार की राशि पर पचास प्रतिशत की छूट का उल्लेख था, जिसके अनुसार गोरख को अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा दस्तावेजों के लिए बुलाया गया था। इस बीच, कभी बैंक खाते के विवरण को संसाधित करने के लिए कहा जाता था और कभी ओटीपी प्राप्त होता था। ऑनलाइन जालसाजों ने केंद्र की योजना का लालच दिखाया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कर्ज देने में 50 फीसदी की छूट है और ब्याज की दर सिर्फ 2 फीसदी है। स्थानीय थाने में मामला दर्ज किया गया है।
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