मुंबई। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के छोटे बेटे तेजस ठाकरे और उनकी टीम ने इन वर्षों में नई प्रजातियों की खोज की। वह शोध कार्य करने के लिए जंगलों और सह्याद्रि के किनारे गए और दुर्लभ प्रजातियों को प्रकाश में लाया। इस साल उन्होंने सांप, केकड़े, सेलफिश और छिपकलियों सहित कुल 10 नई जंगली प्रजातियों की खोज की है। इससे पहले पाली पर शोध पर उनका शोध निबंध जर्मनी से प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका वर्टेब्रेट जूलॉजी में प्रकाशित हो चुका है।
सांप की एक नई प्रजाति की खोज
तेजस ठाकरे और उनकी टीम ने दुर्लभ सरीसृप, छिपकलियों, सांपों और मछलियों की भी खोज की है। इसी बीच सांप की एक नई प्रजाति की खोज हुई। इसे विश्व स्तर पर देखा गया। उन्होंने सांप की एक नई प्रजाति की खोज की। उसका नाम सह्याड्रियोफिस उत्तरघाटी रखा गया। उन्होंने यह शोध दुनिया से अलग-थलग पड़े सह्याद्रि क्षेत्र में जाकर किया। उन्होंने केकड़े, मछलियाँ, समुद्री अर्चिन जैसी कई दुर्लभ जंगली प्रजातियों की खोज की।
टीम ने निमास्पिस टाइग्रिस, निमास्पिस सकलेशपुरेनासिस, निमास्पिस विजयाई और अन्य की नई प्रजातियों की खोज की। ऐसी प्रजातियाँ भारत के साथ-साथ श्रीलंका, थाईलैंड, सुमात्रा और अन्य द्वीपों में पाई जाती हैं। भारत में अब तक पाली की 68 प्रजातियाँ पाई गई हैं। इसमें अब तेजस ठाकरे और उनकी टीम की रिसर्च भी जुड़ गई है। अत: जंगली नस्लों की दुनिया प्रकाश में आ गयी है।
सुनहरीमछली की एक प्रजाति
तेजस ठाकरे ने सह्याद्रि के पर्वत राग में अंबोली घाट पर मछली की चौथी नई प्रजाति को सामने लाया। उन्होंने हिरण्यकश नदी में सुनहरे रंग के बालों वाली एक मछली की खोज की। उन्होंने सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में पाली की दुर्लभ प्रजाति की खोज की है। नये साल में यह काम जोर-शोर से किया जायेगा. टीम ने नए साल में और अधिक दुर्लभ प्रजातियों को खोजने का इरादा जताया है।