नवी मुंबई | ठाणे- बेलापुर इंडस्ट्रियल एस्टेट(Thane- Belapur Industrial Estate) में छोटे उद्यमियों ने संपत्ति कर का भुगतान न करने के लिए 2001 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। (Navi Mumbai Municipal Corporation’s big victory in the Supreme Court ) 2010 में उच्च न्यायालय ने उद्यमियों को करों का भुगतान करने का आदेश दिया था। जिसके बाद उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की थी।
अब सुप्रीम कोर्ट ने उद्यमियों को टैक्स भरने का आदेश दिया है और टैक्स न भरने पर मनपा को संपत्तिसील करने की इजाजत भी दी है। इस आदेश से अब छोटे उद्यमियों के संपत्ति कर भरने से मनपा की तिजोरी मालामाल होने से मनपा को बड़ी राहत मिली है ।
ठाणे-बेलापुर औद्योगिक एस्टेट में6023 औद्योगिक संपत्तियां हैं। इनमें से छोटे उद्यमियों ने संपत्ति कर नहीं देने का फैंसला कर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था ।2001 से हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू थी। 8 जुलाई 2010 को जस्टिस पी.बी. मुजुमदार, आर. जी. केतकर की खंडपीठ ने विस्तृत आदेश में याचिका खारिज करते हुए उद्यमियों को टैक्स अदा करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद छोटे उद्यमियों ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की थी। इस याचिका पर 19 अप्रैल 2023 को सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और सी. टी. रविकुमार की बेंच के समक्ष नवी मुंबई मनपा की ओर से एडवोकेट शेखर नाफडे, विनय नवारे ने मामले की पैरवी की. मनपा आयुक्त राजेश नार्वेकर के मार्गदर्शन में संपत्ति कर विभाग प्रमुख सुजाता ढोले के नेतृत्व में विधि अधिक अभय जाधव, प्रशासकीय अधिकारी विलास मलुष्टे, सुखदेव येडवे ने न्यायालय में 2001 से लम्बित मामले के निकाल के लिए निर्धारित समय के भीतर मुंबई की अदालत में दस्तावेज जमा करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ही एडवोकेट शेखर सुहास कदम ने भी अहम भूमिका निभाई ।
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