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भाजपा पर बरसे राउत: शिवसेना सांसद बोले- प्रधानमंत्री को सिर्फ भाजपा का नेता बना डाला, बीजेपी-शिवसेना आज कौरव-पांडव की तरह लड़ रही

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मुंबई12 घंटे पहले

कॉपी लिंकशिवसेना सांसद  मुंबई स्थित अपने घर पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। - Dainik Bhaskar

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शिवसेना सांसद मुंबई स्थित अपने घर पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।

हाल में संपन्न हुए पांच राज्यों के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी सफलता हाथ लगी है। चार राज्यों में हुई भाजपा की जीत के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि और उनकी चुनावों में की गई मेहनत को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसी को लेकर शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधा है। सोमवार को शिवसेना नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को देश का प्रधानमंत्री बने रहने नहीं दे रहे, उन्हें पार्टी का नेता बना कर रख दिया गया है।

भाजपा और शिवसेना के बीच जारी जुबानी जंग पर शिवसेना नेता ने कहा कि आज सत्ता की महाभारत में ये दोनों कौरव और पांडव की तरह एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े हैं। साथ ही उन्होंने फिर यह आरोप लगाया कि विपक्ष को केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से टारगेट किया जा रहा है। अगला टारगेट शरद पवार हैं, लेकिन अगर वे इस पर बोलेंगे तो फिर उन्हें शरद पवार का चमचा कहा जाएगा।

जन्म-जन्मांतर के दुश्मन लग रहे शिवसेना-बीजेपीसंजय राउत ने पत्रकारों से कहा, “लोकतंत्र में राज्यों की, देश की और लोगों की समस्याएं दूर करने के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों को मिल कर काम करना चाहिए। लेकिन बदकिस्मती से पिछले सात, आठ सालों से ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा। सत्ताधारी और विपक्ष इस तरह पेश आ रहे हैं जैसे ये जन्म-जन्मांतर के दुश्मन हैं। जैसे महाभारत हो और कौरव-पांडव आमने-सामने खड़े हों। यह संसदीय लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। राष्ट्र की सुरक्षा के कई मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष एकमत होकर सदन के कामकाज को आगे ले जाएं।’

जीत पर अहंकार में मत डूबिएउन्होंने आगे कहा, ‘कई मुद्दे ठीक चुनाव से पहले खड़े किए जाते हैं। हिजाब का मुद्दा आया था। कश्मीर से लेकर पाकिस्तान तक ऐसे कई मुद्दे अचानक आते हैं और चुनाव को अलग रंग दे जाते हैं। विकास के मुद्दों की बजाए धार्मिक मुद्दों पर जोर दिया जाता है, चुनाव इसी मुद्दे पर लड़ा जाता है। जिस तरह कोरोना काल में गंगा में शव बहते हुए देखा गया उसी तरह लोग भी चुनाव के वक्त भावनाओं में बहते हुए देखे जा रहे हैं। चार राज्यों में बीजेपी की जीत हुई है। अच्छी बात है। खुशी मनाइए लेकिन अहंकार में मत डूबिए। लोकतंत्र में विपक्ष का बने रहना जरूरी है।’

बीजेपी मोदी को अपनी पार्टी का नेता बनाने में तुली

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में संजय राउत द्वारा मोदी की तारीफ किए जाने के बाद सोशल मीडिया में बीजेपी नेताओं ने इसकी चर्चा शुरू कर दी है। इस पर बोलते हुए आज संजय राउत ने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े नेता हैं। उनके मुकाबले का इस वक्त देश में कोई दूसरा नेता नहीं है। मोदी-शाह की जोड़ी विपक्ष को पूरी तरह से ध्वस्त कर देती है। लेकिन प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी का नहीं होता है। बीजेपी नेता उन्हें अपनी पार्टी का नेता बनाए रखने पर तुले हैं। वे सिर्फ उन्हें अपना ही प्रधानमंत्री और अपनी पार्टी का प्रधानमंत्री बनाए रखने की कोशिश में लगे हुए हैं। पीएम मोदी को खुद ऐसे चक्र से बाहर निकलना चाहिए।’

गोवा में झुंड मिलकर सरकार बनाते हैंगोवा में बीजेपी की जीत पर देवेंद्र फडणवीस को मिल रही वाहवाही को लेकर संजय राउत ने कहा, ‘गोवा की जीत का शिल्पकार बता कर देवेंद्र फडणवीस की खूब वाहबाही की जा रही है। उनका ढोल-नगाड़ों से स्वागत किया गया। महाराष्ट्र का नेता गोवा जीत कर आया, इसकी खुशी है। लेकिन यह ध्यान रहे कि गोवा कोई नहीं जीत सकता। वहां की राजनीति विचित्र है। वहां कभी कोई पार्टी नहीं जीतती है, अलग-अलग व्यक्ति की जीत होती है और फिर जीते हुए लोगों का झुंड मिलकर वहां सरकार बना लेते हैं।

हम नोटिस का तमाशा नहीं बनाते हैंदेंवेंद्र फडणवीस को मुंबई पुलिस द्वारा भेजे गए नोटिस पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा,’विजय के शिल्पकार को नोटिस नहीं भेजा जाएगा, ऐसा कहां लिखा है। नोटिस हमें भी आता है, लेकिन हम इसका तमाशा नहीं बनाते हैं।’

दाउद संग जोड़ा जा रहा शरद पवार का नामसंजय राउत ने यह भी कहा, ‘शरद पवार जैसे नेता का दाउद इब्राहिम के साथ नाम जोड़ कर बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। केंद्रीय जांच एजेंसियों को विपक्षी नेताओं के नाम देकर टारगेट बनाने को कहा जा रहा है। कल को राजनीति में आए हुए लोग आज शरद पवार पर जिस तरह के बयान दे रहे हैं, यह फडणवीस, गडकरी और मोदी को मान्य है क्या? मैं बोलूं तो लोग मुझे शरद पवार का चमचा ठहरा देते हैं। महाराष्ट्र के लोगों का सम्मान कायम रहना चाहिए। संसदीय लोकतंत्र में 50-55 साल गुजारने वाले व्यक्तित्व पर बीजेपी के लोग किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं?’

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