मुंबई सहित राज्य भर में इस बार मानसून सामान्य से ज्यादा दिनों तक सक्रिय रहा। इसके चलते बारिश का दौर भी ज्यादा दिनों तक चलता रहा। अब इसके कुछ प्रतिकूल परिणाम सामने आने लगे हैं।।डेंगू और मलेरिया के मामलों में वृद्धि के साथ ही आंखों की समस्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। प्रदेश की राजधानी मुंबई में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव देखा जा रहा है. अस्पतालों में कंजक्टिविटिस या पिंक आई या आंख आने की समस्या से ग्रसित मरीजों की तादाद पिछले कुछ सप्ताह में बढ़ गई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसके लिए मौसम को मुख्य रूप से जिम्मेदार मान रहे हैं।
बीएमसी ने बताया कि 2 सप्ताह से कुछ ज्यादा समय से मुंबई में आंखों में दिक्कत की समस्या बढ़ गई है। बीएमसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुरली देवड़ा आई हॉस्पिटल में पिछले 2 सप्ताह में पिंक आई या कंजक्टिविटिस की समस्या वाले 250 से 300 मरीजों का इलाज किया गया है।
आंखें भर जाती हैं और भारी-भारी लगती हैं।
मनपा ने आमलोगों से सावधानी बरतने और आंखों में दर्द या अन्य तरह की शिकायत होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी है। बीएमसी ने लोगों से इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने की सलाह दी है।आई डॉक्टर की माने तो बारिश के मौसम में जब वातावरण में आर्द्रता बढ़ती है तो कई तरह की संक्रामक बीमारियों उत्पन्न होती हैं। इस तरह के मौसम में कंजक्टिविटिस या आंख आने की समस्या भी आम हो जाती है. डॉक्टर वर्षा ने बताया कि पिंक आई की स्थिति में आंखें भर जाती हैं और वे भारी-भारी लगने लगती हैं।
आंखों को बार-बार न छुएं
आंखें फूल जाती हैं और उसमें खुजलाहट भी होने लगती है। ऐसी स्थिति में आंखें रोशनी को बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं. बीएमसी ने इस बाबत एडवायजरी जारी कर कहा है कि ऐसी हालत में आंखों को बार-बार न छुएं, आखों को दिन में बार-बार पानी से साफ करते रहें और तत्काल डॉक्टरों से सलाह लें।मनपा ने घरेलू इलाज न करने की भी सलाह दी है।