Joindia
कल्याणठाणेदेश-दुनियानवीमुंबईमुंबईशिक्षासिटीहेल्थ शिक्षा

MUMBAI:12वीं की परीक्षा का बजेगा बारह , उत्तर पुस्तिका जांचने का बहिस्कार करेंगे शिक्षक

Advertisement
Advertisement

 

राज्य सरकार कर रही अनदेखा

मुंबई। 12वीं की परीक्षा के पीछे लगा वक्र दृष्ट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षकेतर कर्मचारियों के बाद अब 12वीं के शिक्षकों ने भी बोर्ड की परीक्षा को टारगेट किया है। कनिष्ठ महाविद्यालय के शिक्षकों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी प्रलंबित विभिन्न मांगें मान्य नहीं की जाती है तो वे उत्तर पुस्तिका जांचने का बहिष्कार करेंगे।
उल्लेखनीय है कि अपनी विभिन्न मांगों पर राज्य सरकार द्वारा हस्तक्षेप लिए जाने को लेकर शिक्षक महासंघ के नेतृत्व में हजारों शिक्षकों ने कई बार आंदोलन किया है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर सभी ने काली पट्टी बांधकर कई बार विरोध जताया और अपनी मांगों को जिलाधिकारियों के समक्ष रखा, ताकि राज्य सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे। 16 दिसंबर को शिक्षाधिकारी, उप शिक्षा निदेशक को सूचना देकर शीतकालीन सत्र में धरना दिया था। हालांकि समस्याओं का समाधान नहीं होने से त्रस्त शिक्षकों ने तय किया है कि अब वे बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच का काम नहीं करेंगे। यह जानकारी राज्य कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षक महासंघ के समन्वयक मुकुंद आंधलकर दी है। महासंघ ने यह भी चेतावनी दी है कि इस बहिष्कार आंदोलन से होने वाले शैक्षणिक नुकसान के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।

चर्चा के बाद लिया गया फैसला

लंबे समय से प्रलंबित मांगों को लेकर बार-बार पत्र देकर किए गए धरना प्रदर्शन के बावजूद क्रियान्वयन न होने से आखिरकार २२ दिसंबर २०२२ को शीतकालीन अधिवेशन में राज्य कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षक महासंघ ने आंदोलन करते हुए चर्चा की मांग की थी। इस बीच मांगे मान्य न होने से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच पर बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। लेकिन राज्य सरकार ने इस पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दिया।

ये हैं मांगें

नवंबर २००५ से पहले नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाए। शिक्षकों को अश्वासित प्रगति योजना लागू किया जाए। चयन श्रेणी के लिए २० फीसदी की शर्त रद्द की जाए। आईटी विषय अनुदानित हो। अनुदान के लिए दमनकारी शर्त रद्द किया जाए। शिक्षकों की रिक्त पदें भरी जाएं। सेवा निवृत्त की आयु सीमा ६० साल की जाए। उपप्राचार्य को पदोन्नति की वेतन वृद्धि हो।

शिक्षकेतर कर्मचारियों ने किया काम बंद आंदोलन

प्रदेश में गुरुवार को शिक्षकेतर कर्मचारियों द्वारा गुरुवार को किए गए एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल शत प्रतिशत सफल रही। मुंबई विश्वविद्यालय, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, मुंबई समेत राज्य के अन्य जिलों में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकेतर कर्मचारियों ने एक दिवसीय हड़ताल किया। कर्मचारियों ने उपस्थिति पत्रिका पर हस्ताक्षर किए बिना कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय और कॉलेज के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। राज्य सरकार की ओर से मांगों को लेकर कोई लिखित आश्वासन नहीं मिलने के कारण गैर शिक्षण कर्मचारियों ने अगले सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

Advertisement

Related posts

Home guard made the girl a victim of his lust: घर से नाराज़ होकर निकली नाबालिग को होमगार्ड सहित दो लोगो ने बनाया हवस का शिकार

Deepak dubey

मुंबई में कुत्ते से क्रूरता ! , मुंह पर फोड़ी सुतली बम , आरोपी के तलाश में जुटी पुलिस

Deepak dubey

फेल हो गए . . . नो टेंशन एक और मौका बाकी है मेरे दोस्त

Deepak dubey

Leave a Comment