तमिलनाडु (tamilnadu) में भाषा विवाद का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। हिंदी बोलने के लिए उन्हें तालिबान स्टाइल (talibani style) में सजा देने का मामला सामने आया है। हिंदी बोलने पर तमिलनाडु में बिहार (Bihari migrants attacked in tamilnadu) के युवकों को एक कमरे में बंद कर के बुरी तरह से पीटा गया है। उनमें से कई को जान से मार दिया गया। ऐसा पहली बार नहीं है यहां हिंदी भाषियों को बार बार निशाना बनाया जाता है। हिन्दुस्तान के दक्षिणी कोने पर बसे तमिलनाडु में उत्तर भारत के लोग अर्थात बिहारी मजदूरों के प्रति द्वेष देखने को मिल रहा है। बिहारी मजदूरों को यहां हिंदी बोलना बड़ा अपराध बन गया है। हालफिलहाल में भाषा विवाद में करीब 15 लोगों की जान चली गई है।
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और तमिलनाडु प्रशासन से जांच की मांग की है। तमिलनाडु सरकार ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबाहनी ने बताया कि वहां फंसे बिहारियों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। जरूरत पड़ी तो उन्हें सुरक्षित उनके गांव लाया जाएगा।
ज्यादातर यह घटनाएं शिवकट और तिरपुरा इलाके में होने की जानकारी मिल रही है। ऐसी घटनाओं में पिछले कुछ दिनों में 15 लोगों ने जाने गंवाई हैं। यह इलाका औद्योगिक इलाका है यहां लोहे के कारखाने अधिक हैं। औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से बिहारी मज़दूरों की संख्या यहां अधिक है।
बतादें तमिलनाडु में फंसे कुछ मजदूरों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मदद की मांग की है। उक्त वीडियो में एक युवक से पूछ जा रहा है क्या आप कोयम्बटूर में फंसे अरमान हो, आप हिंदी भाषी युवक हैं? हां में जवाब देने वाले को पीटा जा रहा है। वहां बिहारियों में डर का माहौल है। उड़ वीडियो में दावा किया गया है कि डरावने माहौल के कारण बिहारी युवक जैसे तैसे हालात मर किसी भी वाहन को पकड़कर तमिलनाडु से बाहर भाग रहे हैं।
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