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Women unsafe: नवी मुंबई में महिलाएं असुरक्षित

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तीन वर्षो में नाबालिग बलात्कार के 377 तो महिलाओं के आत्महत्या के 40 मामले हुए दर्ज
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नवी मुंबई। 21 वी सदी की आत्धुनिक शहर के रूप में पहचानी जाने वाली नवी मुंबई (NMMC) महिलाओं के लिए असुरक्षित (Women unsafe) मानी जा रही है। इसका कारण है नवी मुंबई में लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा (violence) के बढ़ते मामले। नवी मुंबई (navi mumbai) में पिछले तीन वर्षो के आंकड़ों पर ध्यान दे तो नाबालिग लड़कियों ( minor girls ) से बलात्कार (rape) की 377 घटनाएं हुईं और 40 महिलाओं ने विभिन्न कारणों से आत्महत्या (female suicide) कर ली। जब की 38 महिलाओं की हत्याएं हुईं।
बतादे कि नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए  हर पुलिस स्टेशन में एक महिला पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की गई है। एपीआई स्तर की महिला अधिकारी पीड़ित महिलाओं की कांसलिंग कर उनकी समस्याओं का समाधान करती है। इसके बावजूद महिलाओं के साथ हिंसा के मामले काफी बढ़े हुए है।  पुलिस रिपोर्ट में उपलब्ध आकंड़ो के अनुसार पिछले साल महिलाओं के खिलाफ 703 अपराध हुए।नवी मुंबई पुलिस आयुक्त ने दावा किया है कि किसी अप्रिय घटना की स्थिति में यदि  टोल-फ्री नंबर 112 पर कॉल करते हैं, तो कॉल करने वाले को पहले छह मिनट के भीतर पुलिस सहायता मिल जाएगी। हालांकि नवी मुंबई में पैदल जा रही महिलाओं के गले से मंगलसूत्र चुराने वालों को पुलिस गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। महिलाओं के गले से मंगलसूत्र छीने जाने के मामले आए दिन घटते रहते हैं।
इस्बिच  पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे ने कार्यभार संभालने के बाद महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था। इसके मुताबिक हर पुलिस स्टेशन में निर्भया पुलिस स्क्वॉड को सक्रिय किया गया।इसके पीछे का उद्देश्य  दोपहिया और चार पहिया वाहनों पर महिला पुलिसकर्मियों की निर्भया टीम द्वारा महिलाओं की मदद करना था। लेकिन वर्तमान समय में वो चार पहिया वाहन सड़क पर कम चलते नजर आ रहे हैं।  नवी मुंबई जैसे आधुनिक शहर में मनोचिकित्सकों, परामर्शदाताओं, मनोवैज्ञानिकों के अध्ययन के माध्यम से महिलाओं के लिए एक विशेष केंद्र चलाना एक आवश्यकता बन गई है। इस संबंध में कोई भी पुलिस अधिकारी खुलकर बात करने के लिए तैयार नहीं होते हैं।
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 हर पुलिस स्टेशन  में सहायता कक्ष
पुलिस आयुक्त भारम्बे के निर्देश पर प्रत्येक पुलिस स्टेशन में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की गई ताकि पीड़ित महिलाएं बिना किसी झिझक के हर पुलिस स्टेशन के प्रवेश द्वार पर महिला पुलिस अधिकारियों से शिकायत कर सकें। नेरुल में महिलाओं के लिए सावली परामर्श केंद्र भी शुरू किया। हालाँकि यह सब स्वागत योग्य है, लेकिन नवी मुंबई में जिस पुलिस स्टेशन में घरेलू हिंसा के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, उस इलाके की सामाजिक स्थितियों का सटीक विश्लेषण अभी किया जाना बाकी है।ताकि महिलाओं को हिंसा से बचाया जा सके।
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