नवी मुंबई। बच्चों पर एक नया खतरा मंडराने लगा है। इसमें ऐसे बच्चे जो कोरोना से उबर चुके हैं, उनमें से कई बच्चों में मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम नामक जानलेवा बीमारी मिली है, जिससे वे परेशान हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार पिछले 60 दिनों में मुंबई के सरकारी अस्पताल जेजे में इस बीमारी के शिकार हुए पांच बच्चे इलाज के लिए पहुंचे हैं, जिसमें एक नवजात शिशु का भी समावेश है।
उल्लेखनीय है कि प्रभावी दिशा-निर्देशों और व्यापक टीकाकरण अभियानों के माध्यम से हिंदुस्थान कोविड-19 के प्रसार को रोकने में कामयाब रहा है। आलम यह है कि देश में कोरोना मरीज अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। इन सबके बीच अब बच्चों को एक दुर्लभ लेकिन खतरनाक मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम का खतरा बढ़ गया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई स्थित सरकारी अस्पताल जेजे में पिछले 60 दिनों में एमआईएस-सी के पांच मामले दर्ज किए हैं। इसमें एक नवजात शिशु भी शामिल है। चिकित्सकों के अनुसार यदि बीमारी का शीघ्र पता न चले और समय पर उपचार न किया जाए तो यह रोग घातक हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीमारी की पहचान बुखार और शरीर पर पड़ने वाले दाने से होती है।जेजे डीन डॉ. पल्लवी सापले ने कहा कि अस्पताल में आए मामले बताते हैं कि भले ही कोरोना मामलों की संख्या में काफी कमी आई है, लेकिन कोविड-19 का खतरा अभी तक खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि एमआईएस-सी कैसे जानलेवा है, इस पर शोध अभी भी जारी है।
ये हैं बीमारी के लक्षण
मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम कोविड-19 से जुड़ी एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है। इसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे हृदय, फेफड़े, गुर्दे, मस्तिष्क, त्वचा, आंखें या गॅस्ट्रोइंटेस्टाइनल आदि अंग में सूजन आ जाती हैं। यह रोग बच्चों और वयस्कों को प्रभावित कर सकता है। एमआईएस-सी का पहली बार पता यूके में अप्रैल 2020 में पता चला था।