मुंबई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्देश दिया है कि राज्य के कोने-कोने में जरूरतमंद मरीजों तक मुख्यमंत्री मेडिकल सहायता केंद्र की मदद पहुंचाने का संकल्प करिए। राज्य की जनता को अच्छी मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा सहायता केंद्र का कार्य शुरू है और मात्र चार महीने में 1 हजार 62 मरीजों को 6 करोड़ 40 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। मुख्यमंत्री मेडिकल सहायता कक्ष के प्रमुख मंगेश चिवटे ने बताया कि सभी को अच्छा इलाज मुहैया कराना मुख्यमंत्री शिंदे का मकसद है। उसी के तहत मुख्यमंत्री मेडिकल सहायता निधि कक्ष का कार्य चल रहा है। हम अधिक से अधिक मरीजों की मदद और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में हेल्प डेस्क ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री की देखरेख में इस सेल की कार्य पद्धति, सहायता के मापदंड में कई अहम बदलाव किए गए हैं। इसके माध्यम से कक्ष के कार्य को और अधिक जनोन्मुखी बनाया जा रहा है। वेबसाइट mahacmmrf.com को शुरू किया गया है ताकि जरूरतमंदों के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सहायता के लिए आवेदन करना आसान हो सके। साथ ही मरीजों को होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराया गया है।
कई महंगी बीमारियां जो पहले कवर नहीं होती थीं, उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष के मापदंड में शामिल किया गया है। इसमें फेफड़े की सर्जरी, घुटने का रिप्लेसमेंट, हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी शामिल है। साथ ही दुर्घटना के मरीजों को भी इस योजना से आर्थिक मदद दी जाएगी। जन्मजात बधिर बच्चों की कॉक्लिअर इंप्लांट सर्जरी के लिए तीन लाख रुपए की सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पांच तरह के मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इसमें हार्ट सर्जरी, लंग ट्रांसप्लांट, बोन मैरो और हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए दो लाख रुपए तक की सहायता दी जाएगी।
चिवटे के अनुसार घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी, ब्रेन डिजीज, कैंसर, छोटे बच्चों की बीमारियों, एक्सीडेंट सर्जरी आदि के लिए एक लाख रुपए तक जबकि डायलिसिस, कीमोथैरेपी, बर्न पेशेंट्स, लिगामेंट्स आदि के लिए 50 हजार रुपए मदद दी जाएगी। इसके अलावा अन्य बीमारियों के लिए आवश्यकतानुसार 25 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी।