नवी मुंबई। महवितरण द्वारा मनमानी तरीके से भेजे जा रहे बिजली बिल से जनता परेशान हो गई। महावितरण के इस जबरन वसूली वाले रवैये के खिलाफ अब नागरिकों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
महावितरण के तरफ से राज्यभर में बिजली सप्लाई की जाती है ।इस महीने महावितरण के तरफ से बिजली बिल के दो प्रतियों को देखकर आप लगा सकते हैं। इसमें से एक प्रति आवासीय बिजली बिल का है,जिससे आप आसानी से यह देख सकते हैं कि अगर आपने 100 यूनिट के नीचे बिजली की खपत की तो आपको प्रति यूनिट 4.71 रुपये के दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा,अगर यही खपत 101 से 300 तक हो जायेगी तो आपको प्रति यूनिट 10.29 रूपये की दर से बील का भुगतान करना होगा और अगर आप 301 से 500 यूनिट की खपत करते हैं तो यह दर न्यूनतम खपत की दर से लगभग तीन गुना बढ़कर प्रति यूनिट 14.55 रुपये हो जाएगा। लेकिन जब आपका खपत 500 यूनिट से ज्यादा का हो जाएगा तो इसमें सिर्फ 1.10 रूपये की ही बढ़ोतरी होगी चाहे खपत की मात्रा कितनी भी ज्यादा क्यों न हो। मतलब साफ है कि जो निम्न मध्यमवर्गीय और मध्यमवर्गीय लोग हैं सबसे ज्यादा बिजली बिल की कीमत उनको देनी पड़ रही है जबकि निम्नवर्गीय और उच्चवर्गीय लोगों को तुलनात्मक रूप से काफी राहत प्रदान किया जा रहा है।दूसरा जो एक बिजली बिल की प्रति है वह एक व्यावसायिक संस्थान की है,जिसमें यह स्पष्ट है कि सभी व्यावसायिक संस्थानों के लिए एक समान बिजली दर रखा गया है और वह दर है प्रति यूनिट 8.52 रूपये। मतलब साफ है कि निम्न मध्यमवर्गीय और मध्यमवर्गीय लोग व्यावसायिक बिजली के दर से भी ज्यादा का भुगतान अपने आवासीय बिजली के लिए कर रहे हैं।सरकार ने इस बार एक और भार आवासीय बिजली मीटर मालिकों पर डाल दिया है और वह भार है अतिरिक्त अमानत रकम का,जो 3810 रुपये का है तीसरे बिजली बिल की प्रति उसी से जुड़ी है।महावितरण द्वारा किए जा रहे इस मनमानी बिजली बिल का खुलासा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राजीव मोहन मिश्रा ने बताया कि दुर्भाग्य यह है कि सरकार के इस टैक्स आतंकवाद के खिलाफ कोई भी राजनेता अपना मुंह खोलने को तैयार नही है और न ही इसको लेकर कोई आंदोलन खड़ा किया जा रहा है। लेकिन फिर भी हम इन्ही नेताओं पर अपना विश्वास जताने में जुटे रहते हैं,मरते रहिए और कर्जदार बनते रहिए क्योंकि आप इसी के हकदार हैं।शिवसेना ठाकरे गुट के महाराष्ट्र राज्य संघटक पंडित अवधेश शुक्ला ने बताया कि राज्य और केंद्र की सरकार आम नागरिकों की दुश्मन है। बिजली विभाग को निजीकरण करने में जुटी है जिसका खामियाजा आम नागरिक भुगत रहे है नागरिकों को एकजुट कर इसके खिलाफ आंदोलन करने की तैयारी की गई। महावितरण द्वारा इसमें सुधार नहीं किया गया तो आंदोलन उग्र होगा।