मुंबई। मानसून आने से पहले ही नालों की सफाई की जिम्मेदारी महानगरापालिका की होती है। लेकिन ठाणे मनपा की सीमा में नालों की सफाई ठीक तरीके से न होने का खुलाशा पहली बरसात ने कर दिया हैं। दरअसल 9 जून को सुबह के दौरान हुई बरसात में ही ठाणे मनपा की सीमा में आनेवाला दिवा परिसर डूबा हुआ नजर आया। इससे साफ पता चलता है कि ठाणे मनपा ने अपना कार्य जिम्मेदारी से नहीं किया था।
बता दें कि मानसून पूर्व उपाययोजनाओं के तहत मनपा प्रशासन का कार्य होता है कि वे अपने क्षेत्र में नालों की अच्छी तरह से सफाई करे। यदि मनपा प्रशासन अपना कार्य उचित तरीके से नहीं करती हैं तो उसी मनपा क्षेत्र में जलजमाव की स्थिती बनना आम बात हैं। ऐसा ही कुछ वाकिया ठाणे मनपा की सीमा में भी देखने को मिला हैं। दरअसल रविवार के दिन बरसात ने ठाणे मनपा क्षेत्रसहित पूरे मुंबई, ठाणे, पालघर में दस्तक दी। ठाणे मनपा की सीमा में पहली बरसात में ही ठाणे मनपा का दिवा शहर डूबा पाया गया। इससे एक बार फिर ठाणे मनपा प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों पर प्रश्न चिह्न खड़ा करने का कार्य कर रहा है।
शिवसेना(उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की मांग,
सहायक आयुक्त पर हो कार्रवाई
दिवा वार्ड समिति के मुख्य अधिकारी के रूप में, सहायक आयुक्त कम पड़ रहे थे और उनसे उम्मीद की गई थी कि वे बारिश से पहले दिवा शहर का संपूर्ण निरीक्षण दौरा करेंगे। कई जगहों पर नाले की पूरी सफाई नहीं हुई हैं। वहीं प्लास्टिक की थैलिया भी नहीं हटाई गई हैं। नालों की पूरी क्षमता से सफाई नहीं होने से भारी बारिश होने पर नागरिकों के घरों में पानी घुसने की आशंका बनी रहती है। हर साल बारिश के मौसम में दीवा में इस तरह की बात देखने को मिलती है। शिवसेना(उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के दिवा शहर संघटक रोहिदास मुंडे ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि अगर दिवा वार्ड समिति के सहायक आयुक्त पिछली घटनाओं से सीख नहीं लेते हैं, तो उनपर कार्रवाई की जानी चाहिए। रोहिदास मुंडे ने यह भी कहा है कि इससे प्रशासन में अनुशासन की आवश्यकता होगी और दिवा शहर के प्रति अधिकारियों का रवैया बदल जाएगा। सहायक आयुक्त से यह भी अपेक्षा की गई है कि वे दिवा शहर में कई स्थानों पर देखी जाने वाली गंदगी और अस्वच्छ स्थितियों पर भी भूमिका निभाएंगे लेकिन मनपा प्रशासन दिवा शहर को नजरअंदाज किया जा रहा हैं। अगर ऐसा करना है तो ऐसे प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।