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मरीन लाइन में पूर्व व पश्चिम को जोड़ने वाले 70 साल पुराने पटेल पुल को तोड़ने की तैयारी कर चुकी है। जर्जर अवस्था मे आ चुके इस पुराने पुल की समय सीमा समाप्त हो चुकी। इसकी स्थिति को देखते हुए मनपा ने नोटिस जारी कर इसे घातक घोषित कर दिया है। यहां से वाहनों की आवाजाही पर भी एक प्रकार से रोक लगा दी गई है।
अंबालाल पटेल रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) जिसे आमतौर पर पटेल ब्रिज के नाम से जाना जाता है, इसके ग्रिल और सीढ़ियाँ कमजोर हो गई हैं और लगभग पूरा पुल जंग खा गया है। मानसून के दौरान पुल का ढांचा अक्सर हिलती है। इसलिए पुल को गिराना जरूरी है क्योंकि यह मरीन ड्राइव के ऊपर से गुजरता है जिसका इस्तेमाल वीआईपी समेत रोजाना लाखों लोग करते हैं।
1953 में बना था मुंबई का पहला निजी पुल
मुंबई शहर में 60 के दशक में यह पुल का निर्माण किया गया था। मरीन ड्राइव में चर्नी रोड स्टेशन के पश्चिमी हिस्से को मफतलाल स्विमिंग पूल के साथ दूर पश्चिमी तरफ सड़क पर जोड़ता है। निर्माण 1953 में किया गया था। इस पटेल पुल की विशेषता यह है कि यह निजी तौर पर बनाया गया था। ए जे पटेल कंपनी के लिए किया जाता था। बाद में पटेल ट्रस्ट का गठन कर इसे पटेल ट्रस्ट के जिम्मे सौप दिया गया और मनपा को देखरेख के लिए सौओआ गया। ट्रस्ट के पास विज्ञापन के अधिकार थे। ट्रस्ट द्वारा विज्ञापनों से प्राप्त राजस्व का एक हिस्सा मनपा को जाएगा। जिससे नियमित रखरखाव कार्य होगा।
ऐतिहातन मनपा ने दिया नोटिस
मनपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने 2019 और 2022 में दो संरचनात्मक ऑडिट किए हैं। दोनों ऑडिट रिपोर्टों से साफ पता चलता है कि इस पुल की संरचना इसे चालू रखने के लिए पर्याप्त रूप से फिट नहीं है। इससे पहले कि यह दुर्घटनावश गिर जाए, ऐतिहातन इसे गिराना होगा। इसलिए हमने उन्हें इसे गिराने अर्थता पाटने के लिए नोटिस जारी किया है।
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