मुंबई। पुणे में मुला मुठा नदी(Mula Mutha River) का विकास करते हुए छह हजार पेड़ काटने (cutting six thousand trees) का प्रस्ताव है। इसके अलावा नदी के दोनों किनारों पर कांक्रीटिंग( concreting )का काम चल रहा है। वास्तविक नदियों को खुलकर सांस लेने की जरूरत है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नदियों का विकास करते हुए दोनों पक्षो को सुनकर उचित निर्णय लेना चाहिए। यह मांग कल विधानसभा में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक आदित्य ठाकरे ने की।
आदित्य ठाकरे ने पुणे में नदी विकास कार्यक्रम की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि पुणे में नदी विकास कार्यक्रम के लिए छह हजार पेड़ काटे जाने हैं। नदी विकास का यह विषय पिछले साल मेरे सामने आया था। हम सभी को नदी विकास कार्यक्रम की जरूरत है। पुणे की मुला मुठा नदी के सौंदर्यीकरण और सफाई की जरूरत है। लेकिन जो अनुमतियों ली गई हैं, उनमें कुछ त्रुटियां हैं। अब छह हजार पेड़ काटने का प्रस्ताव है। कहा गया था कि सभी पेड़ों को बचाया जाएगा और पेड़ नहीं काटे जाएंगे। नदी तल के दोनों ओर कांक्रीटिंग का काम शुरू हो गया है। जब कोई शहर या गांव किसी नदी के किनारे बसता है, तो वहां नदी का नाला और नाला गटर में तब्दील हो जाता है। नदियों को चौड़ा करने, गहरा करने और पक्का करने का प्रयास किया जाता है। नदियों को खुलकर सांस लेने की जरूरत है।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि अगर पेड़ काटने या आस-पास सड़क बनाने की बात हो तो हमें नदी को स्विमिंग पूल बनाने से बचने पर ध्यान देना चाहिए। यदि नदी का स्विमिंग पुल या कांक्रिटीकरण हुआ तो उस स्थान पर बाढ़ आने की संभावना होती है। इस स्थान पर पुराने मंदिर पानी में डूब जाएंगे। ग्यारह पुल पानी के नीचे चले जाएंगे। इस पर बहुत खर्च होगा। हम चाहते हैं कि शहर के लिए काम लंबे समय तक टिके और अच्छा हो। उपमुख्यमंत्री को इस पर बैठक बुलानी चाहिए। दोनों पक्षों को सुनें और निर्णय लें। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने निर्देश दिया कि सरकार को आदित्य ठाकरे द्वारा दी गई सूचना पर ध्यान देना चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए।