मुंबई। आसमान छूती महंगाई के बीच अब सूबे में बिजली दर वृद्धि की मार भी आम जनों पर पड़ने वाली है। हालांकि इसके खिलाफ कई संगठन उठ खड़े हुए हैं और उन्होंने राज्य में इस दर वृद्धि के खिलाफ राज्य नियामक आयोग में याचिका दायर करने की मुहिम छेड़ने का ऐलान किया है। उनका दावा है कि बिजली कंपनियां 11 से 14% दर वृद्धि की हवाला दे रही हैं जबकि यह दर वृद्धि 27 से 37 प्रतिशत के आस-पास होगी।
राज्य की प्रमुख बिजली प्रदाता कंपनी महावितरण सहित कुछ कंपनियों ने राज्य नियामक आयोग में बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। अब इसके खिलाफ कई संगठन उठ खड़े हुए हैं। बिजली कंपनियों का कहना है कि क्रमबद्ध तरीके से दो वर्षों में 11 से 14 प्रतिशत बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव है, जबकि संगठनों का दावा है कि यह दर वृद्धि 27 से 37 फीसदी के बीच होने वाली है। राज्य विद्युत नियामक आयोग के आदेशानुसार महावितरण ने वर्ष 2023-240 और 24-25 के लिए बिजली दर वृद्धि प्रस्तावित की है। यह बढ़ोतरी पहले वर्ष 11 प्रतिशत और दूसरे साल 14 फीसदी होगी। इसके लिए घाटे का उदाहरण दिया गया है। इस बीच महाराष्ट्र राज्य वीज ग्राहक संगठन का दावा है यह दर वृद्धि 27 से 37 प्रतिशत के आस-पास है। प्रति यूनिट 2 रुपए 75 पैसे की वृद्धि होगी। बिजली मामलों के जानकार व संगठन के अध्यक्ष प्रताप होगाडे के अनुसार आयोग ने औसतन जो दर वृद्धि मंजूर की है, उसमें ईंधन समायोजन दरों का समावेश किया गया है। मार्च 2020 को जारी आदेशों के अनुसार इस वर्ष भुगतान की औसत दर 7 रुपए 27 पैसे है। जबकि महावितरण कंपनी ने इस औसत भुगतान दर को 7 रुपए 79 पैसे बताया है। वर्ष 2023-24 के लिए यह 8 रुपए 90 पैसे है। यह अंतर वृद्धि 14 प्रतिशत है। उसके आगे वर्ष 2024-25 के लिए ग्यारह प्रतिशत की वृद्धि है। यह गणित गलत है। असल में यह बढ़ोतरी 14.25 से प्रतिशत अधिक होगी।
होगाडे के अनुसार वर्ष 2018 तक आयोग ने जो भी आदेश जारी किया, उस ऑर्डर में फ्यूल एडजस्टमेंट मेथड शामिल नहीं था। तुलना हमेशा बराबरी के स्तर पर की जानी चाहिए। यानी मार्च 2020 के आदेश और अब एमईआरसी के आदेश के अनुसार दरों की तुलना की जानी चाहिए। इनकी तुलना अप्रैल 2023 में तक की जानी चाहिए। पिछला एबीआर और वर्तमान एबीआर भी इसी तरह से किया जाना चाहिए। महावितरण कंपनी को दी गई यह बढ़ोतरी 67 हजार 644 करोड़ रुपए घाटे की भरपाई है। यह 2019-20 से 2024-25 तक छह साल के लिए है।
होगाड़े के अनुसार वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए पुराने घर की आय कंपनी द्वारा मुद्रित राशि है। दो साल की घरेलू आय एक लाख 82 हजार 776 करोड़ रुपए और उसके विभाजित 67 हजार 681 करोड़ रुपए की वृद्धि यानी 37.03 प्रतिशत है। जिसे हम 37 प्रतिशत मानते हैं