मुंबई।(Sex, honour, shame and blackmail in an online world) मोबाइल ऐप से लाइव पॉर्न शो(live porn show)के बहाने यूजर्स को ब्लैकमेलिंग का कारोबार किए जाने का मामला सामने आया है। गैंग के जुड़ी महिलाओं को आगे कर वीडियो दिखाने के बहाने यूजर्स को ब्लैकमेल किया जाता था। इस गैंग से जुड़ी दो महिलाओ सहित तीन लोगों को वर्सोवा पुलिस ने बेनकाब करते हुए गिरफ्तार कर लिया है।
वर्सोवा पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, उनकी इंटेलिजेंस को गूगल प्ले स्टोर पर ‘पीहू ऑफिशियल ऐप’ के संचालन का इनपुट मिला था। इस एप पर लाइव अश्लील फिल्में देखने के लिए यूजर्स से 1,000 से 10,000 रुपये तक चार्ज किया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद वर्सोवा पुलिस ने मामले के सिलसिले में वर्सोवा के फोर बंगला की एक इमारत में एक फ्लैट पर छापा मारा। छापेमारी में मुंबई पुलिस ने कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए तीन लोगों पर आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत अश्लील हरकतें करने, युवाओं को अश्लील सामग्री बेचने और अश्लीलता में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है।
पहले भी सामने आ चुके मामले
वर्सोवा पुलिस ने बताया कि एफआईआर में ऐप के संचालक का भी नाम दिया गया है। बता दें कि, ये कोई पहला हैरान कर देने वाला मामला नहीं है। बल्कि इससे पहले भी इस तरह के केस सामने आ चुके हैं। इस साल की शुरुआत में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बाल अश्लीलता सामग्री रखने और उसे शेयर करने के आरोप में तमिलनाडु के तंजावुर जिले से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। बताया गया था कि, आरोपी 35 साल का शख्स था और पिछले चार साल से एक बच्चे का यौन शोषण कर रहा था। उसने नाबालिग बच्चे की नग्न वीडियो बनाई और तस्वीरें खींची थीं। इसके बाद दरिंदगी का परिचय देते हुए उसने अपने ऑनलाइन क्लाउड अकाउंट पर सभी फोटो और वीडियो अपलोड कर दिए थे।
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