Joindia
आध्यात्ममुंबईसिटी

Siddhivinayak Temple : सिद्धिविनायक मंदिर में महिलाओं के कपड़ों पर मर्यादा विवादों में, महिला आयोग को 12 वर्षीय छात्रा ने की शिकायत

Advertisement
Siddhivinayak Temple: मुंबई न्यूज – महिलाओं (women) को स्कर्ट या शॉर्ट्स पहनकर सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) में आने से रोकना उनके साथ अन्याय है। यह संविधान की धाराओं का उल्लंघन है। ऐसा आरोप लगाते हुए 12 वर्षीय छात्रा ने महिला आयोग को पत्र लिखा है। झेन सदावर्ते नामक इस छात्रा नने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर प्रशासन (Siddhivinayak Temple Administration of Mumbai) के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
Advertisement

झेन ने अपनी शिकायत में लिखा है कि मैं झेन, कक्षा 12वीं की छात्रा और ‘नेशनल ब्रेवरी अवार्ड’ (‘National Brewery Award’) विजेता हूं।सिद्धिविनायक मंदिर में महिलाओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। भक्तों पर थोपा गया यह ड्रेस कोड सामाजिक रूप से गलत और भेदभावपूर्ण है।
इसी के साथ सिद्धि विनायक मंदिर प्रशासन का यह निर्णय विवादों में आ गया है। हालांकि महिला आयोग का अभी तक इस पर कोई मत सामने नहीं आया है।

झेन ने आगे कहा कि सिद्धिविनायक मंदिर में लागू किया गया ड्रेस कोड मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। भारत जैसे सांस्कृतिक रूप से विविध और लोकतांत्रिक देश में हर नागरिक को अपनी आस्था का पालन करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

उन्होंने तर्क दिया कि कपड़ों के आधार पर किसी व्यक्ति के साथ धार्मिक या सार्वजनिक स्थानों पर भेदभाव करना गलत है। भक्तों को उनकी अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध क्यों लगाया जाए? श्रद्धा का केंद्र ‘भक्ति’ है, न कि भक्तों के कपड़े। मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि ड्रेस कोड के नियमों पर पुनर्विचार किया जाए। मंदिर प्रशासन को इस भेदभावपूर्ण नियम में सुधार करना चाहिए।

क्या है मामला

बतादें दो दिन पहले सिद्धिविनायक मंदिर प्रशासन ने भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू किया था। मंदिर प्रशासन के अनुसार, शॉर्ट कपड़े, फटे हुए कपड़े पहनकर आने वाले भक्तों को सिद्धिविनायक के दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रशासन का मानना है कि भारतीय संस्कृति में वेशभूषा का विशेष महत्व है। मंदिर में उचित कपड़े पहनकर आना भारतीयों की सभ्यता को दर्शाता है। इसलिए, किसी भी मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय पारंपरिक और सांस्कृतिक कपड़े पहनने चाहिए।

श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी, मंदिर के विश्वस्त भास्कर शेट्टी, मनीषा तुपे, भाष्कार विचारे, राहुल लोढ़े, महेश मुदलीयार, जीतेंद्र राऊत, सुदर्शन सांगले आदि की बैठक में यह प्रस्ताव पAस किया गया।

इसे भी पढ़ें-

1)Mumbai Coastal Road Project : तीन अन्य इंटरचेंज सेवाएं हुई शुरू, कोस्टल रोड से सफर का अब आएगा असली मज़ा.

2) Mumbai local train block updates : दो बड़े काम और रेलवे ने लिए 5 दिन का बड़ा मेगा ब्लॉक, लगभग 30 घंटों में दो पुलों का काम होगा पूरा

3)Action on rickshaws: नियम तोड़ने वाले 52,900 रिक्शों पर कार्रवाई !


The student lodged a complaint with the Women’s Commission regarding the controversy surrounding the dress code for women at Siddhivinayak Temple. The issue has raised questions about women’s rights, religious freedom, and the cultural norms associated with Indian heritage. The Women’s Commission will address the concerns raised by the student and investigate the matter further. The controversy surrounding the dress code policy at the temple has sparked a debate between devotion and attire. yah jo India hai,  #YahJoIndiaHai, #SiddhivinayakTemple #DressCodeControversy #WomenRights #ReligiousFreedom #ZeenSadvarthe

Advertisement

Related posts

Holi festival: सरा रारा.. सरा रारा… बुरा ना मानो होली है

dinu

महाराष्ट्र के मंत्रियों को क्यों नहीं चाहिए इलेक्ट्रिक वाहन ?

vinu

Thanekar is troubled by loud noise and pollution!, तेज आवाज और प्रदूषण से परेशान हैं ठाणेकर!, प्रशासन ने आठ महीने में केवल 104 वाहन चालकों पर की कार्रवाई

Deepak dubey

Leave a Comment