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नवी मुंबई। बाजार में प्याज और लहसुन(Onions and Garlic in the market)की कमी के कारण थोक मंडी मे प्याज 50 रुपये प्रति किलो और लहसुन ढाई सौ रुपये प्रति किलो हो गया है। प्याज और लहसुन की आवक कम होने से एपीएमसी आलू प्याज मंडी में इसकी कमी का सामना करना पड़ रहा है। जब की खुदरा बाजार मे प्याज ,आलू ओर लहसुन दोगुने भाव मे बेचे जा रहे है। इसके साथ ही हरी सब्जी की कैमतों मे भी बढ़ोतरी देखने मिल रहा है।
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किसानों के पास से ग्रीष्मकालीन प्याज लगभग खत्म हो गया है। किसानों के पास ग्रीष्मकालीन प्याज की दो से पांच प्रतिशत की थोड़ी मात्रा बची है। भारी बारिश के कारण प्याज सड़ गया है, जबकि खरीफ प्याज की कटाई चल रही है। इसके चलते खरीफ प्याज के उत्पादन में बड़ी गिरावट आई है खरीफ प्याज की आवक हाल ही में शुरू हुई है वहीं बाजार में प्याज की कमी है, बांग्लादेश ने 15 जनवरी तक प्याज पर 50 फीसदी आयात शुल्क को घटाकर शून्य फीसदी कर दिया है इसलिए बांग्लादेश को निर्यात अचानक बढ़ गया है। इन सबका नतीजा यह हुआ कि पुणे, मुंबई और राजधानी दिल्ली में अच्छी गुणवत्ता वाली प्याज की कीमतें 50 रुपये तक पहुंच गई हैं ख़रीफ़ सीज़न की ताज़ा कटाई वाला प्याज जिसमें पानी की मात्रा अधिक है, 40 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है। मुंबई में खुदरा बाजार में प्याज 80 से 100 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है|प्याज की कटाई शुरू हो गई है प्याज धीरे-धीरे बाजार में आ रहा है आलू प्याज के व्यापारी मनोहर तोतलनी ने बताया कि खरीप से बाजार में प्याज आने के बाद प्याज की कीमत में कुछ राहत मिलेगी|
तीन माह तक लहसुन में तेजी रहेगी
एपीएमसी थोक मंडी मे लहसुन ढाई सौ रुपए किलो बिक रहा है जब कि खुदरा बाजार में लहसुन की कीमत 400 से 500 रुपये प्रति किलो हो गई है| लहसुन का सीजन अंतिम चरण में होने के कारण बाजार में इसकी कमी बनी हुई है। लहसुन की खेती रबी मौसम में की जाती है। लहसुन का उत्पादन गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में होता है। रबी सीजन की लहसुन की खेती अब शुरू हो गई है इस लहसुन की कटाई फरवरी से शुरू होगी | इसलिए अगले कुछ महीने तक लहसुन की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहेगी|
आवक घटने से टमाटर, मटर के दाम बढ़े
बदलते मौसम का असर टमाटर की गुणवत्ता पर पड़ रहा है वहीं बेमौसम बारिश के कारण टमाटर की फसल को नुकसान होने के कारण फिलहाल बाजार में गिरावट आ रही है और इस वजह से कीमत में बढ़ोतरी हुई है 28 ट्रकों के माध्यम से 1468 क्विंटल टमाटर मंडी में आ चुका है। कीमत में 10-12 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है बुधवार को एपीएमसी थोक बाजार में यह 40 रुपये प्रति किलो बिका है पिछले कुछ दिनों से मटर यानी मटर की कीमत एक दायरे में पहुंच गई थी, लेकिन बुधवार को एक बार फिर थोक बाजार में मटर की आवक कम होने से मटर की कीमत 15-20 रुपये प्रति किलो बढ़ गई |थोक बाजार में जो मटर पहले 65-70 रुपये प्रति किलो मिलता था, वह अब 80-90 रुपये बिक रहा है | मटर की आवक भी कम है। बुधवार को 20 ट्रकों से 935 क्विंटल मटर की आवक हुई है। राज्य में सतारा और नासिक से मटर की आवक हो रही है, जबकि विदेशों से आवक कम हो गई है। बारिश के कारण उत्पादन में कमी और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण आवक कम हो रही है। साथ ही उन जगहों पर हरी मटर की आपूर्ति बढ़ गई है जहां बाजार मूल्य अधिक है।
वर्ष मटर का उत्पादन कम
एपीएमसी में हरी मटर की बड़ी मात्रा में आवक दिसंबर महीने में शुरू हो जाती है, इसके अलावा वास्तविक बुआई का मौसम दिसंबर में शुरू होता है जबकि पूरे साल कभी-कभार मटर की आवक होती रहती है। थोक मंडी को राज्य के कोने कोने के साथ ही मध्य प्रदेश से मटर की आवक होती है। लेकिन वर्तमान में लौटी बारिश के कारण गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ा है मौसम परिवर्तन से टमाटर और मटर की फसलें प्रभावित हुई हैं क्योंकि बारिश के कारण उत्पादन घट गया है। नतीजा यह हुआ कि आमदनी घट गयी और कीमत बढ़ गए है |
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