प्रदेश में वायरस के शिकार हुए 1.43 लाख से अधिक मवेशी
32 जिलों के 3,030 गांवों में फैली बीमारी
महाराष्ट्र में लंपी वायरस के खेल से मवेशियों का जहां बुरा हाल है। वहीं इस घातक बीमारी की रोकथाम में राज्य की ईडी सरकार फेल होती दिखाई दे रही है। आलम यह है कि प्रदेश में इस वायरस से 1.43 लाख से अधिक मवेशी संक्रमित हो चुके हैं। यह जानकारी ईडी सरकार के पशुपालन विभाग के आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को दी। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक यह बीमारी राज्य के कुल 36 जिलों में से 32 जिलों के 3,030 गांवों में फैल चुकी है।
इन जिलों में टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी
पशुपालन विभाग के आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश के जलगांव, नगर, धुले, अकोला, संभाजीनगर, बीड, कोल्हापुर, सांगली, वाशिम, जालना, नंदुरबार और मुंबई उपनगरों में टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक 97 फीसदी मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है। अब तक 140.97 लाख टीके विभिन्न जिलों में उपलब्ध कराए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 135.58 लाख मवेशियों का नि:शुल्क टीकाकरण किया जा चुका है।
बीमारी के ये हैं लक्षण
आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मवेशियों को प्रभावित कर रहा लंपी त्वचा रोग से संबंधित एक संक्रामक वायरल संक्रमण है। इससे मवेशियों की मृत्यु भी हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार इसके लक्षणों में बुखार, त्वचा पर गांठ, दूध में कमी, भूख न लगना और आंखों से पानी आना शामिल हैं। सिंह ने कहा कि राज्य में प्रभावित मवेशियों का इलाज किया जा रहा है।